नयी दिल्ली: एथनाल मिश्रित डीजल व पेट्रोल चालित कारों को प्रोत्साहन, गंगा नदी को जलमार्ग में तब्दील करने एवं अटकी पडी 50 सडक परियोजनाओं को आगे बढाने के एजेंडे को उच्च प्राथमिकता देते हुए नए परिवहन व राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने ढांचागत क्षेत्र में तेजी लाने का खाका आज पेश किया.
सडक परिवहन एवं राजमार्ग और जहाजरानी मंत्रालय का आज कार्यभार संभालने के बाद गडकरी ने कहा कि सडक निर्माण के लिए ‘पुरस्कार एवं दंड’ की व्यवस्था बनाना एवं कंक्रीट के राजमार्ग बनाना ऐसे दो क्षेत्र हैं जिन पर वह खास ध्यान देंगे.
उन्होंने अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ देश पेट्रोल, डीजल और गैस के आयात पर 6 लाख करोड रपये खर्च करता है. रपये में गिरावट की मुख्य वजह कच्चा तेल व गैस आयात का मोटा बिल है.’’ ‘‘ मैंने विभाग को यह अध्ययन करने को कहा है कि क्या पांच कंपनियां. फाक्सवैगन, फोर्ड, टोयोटा, होंडा और फिएट. ई.85 इंजन का यहां आयात कर सकती हैं जैसा कि वे ब्राजील और कनाडा में करती हैं.’’ ई.85 इंजन ऐसे ईंधन पर चलती है जिसमें 85 प्रतिशत एथनाल और 15 प्रतिशत पेट्रोल मिला होता है.
उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम मंत्री की उपस्थिति में संबद्ध मंत्रियों की किसानों के साथ एक बैठक बुलाई जाएगी जिसमें संकटग्रस्त चीनी मिलों के पुनरद्धार की संभावना तलाशी जाएगी ताकि पर्याप्त मात्र में एथनाल उपलब्ध हो सके.
गडकरी ने कहा, ‘‘ 50 वृहद सडक परियोजनाओं के रास्ते आ रही अडचनों को जल्द ही दूर किया जाएगा और विभाग में रिवार्ड एवं दड की व्यवस्था शुरु की जाएगी ताकि जवाबदेही तय की जा सके. भ्रष्टाचार व विलंब को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने विभाग को यह अध्ययन करने के लिए कहा है कि तारकोल से राजमार्ग बनाने के बजाय क्या कंक्रीट की सडकें बनाई जा सकती हैं जो वस्तुत: मरम्मत.रहित होती हैं और बारिश में खराब नहीं होती हैं.
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर व पूर्वोत्तर में सडक परियोजनाओं पर खास तौर पर ध्यान दिया जाएगा.