नयी दिल्ली: जदयू ने आज कांग्रेस को इस बात के लिए आडे हाथ लिया कि उसने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के खिलाफ टिप्पणी कर नरेन्द्र मोदी सरकार की खिंचाई की है.
जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इस प्रकार के बयान की भर्त्सना करता हूं..ईरानी की उनकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर आलोचना खत्म होनी चाहिए. उनके काम पर चर्चा होनी चाहिए, उनकी शैक्षणिक योग्यता पर नहीं.’’ यादव ने कहा, ‘‘देश की नब्ज को केवल औपचारिक शिक्षा के जरिये नहीं जाना जा सकता है. मैं भी एक इंजीनियर रहा हूं लेकिन यहां इंजीनियरिंग किसी काम की नहीं है. लोगों को समझ कर ही देश चलाया जाता है.’’
लोकसभा चुनाव में बिहार में जदयू की भारी पराजय के बाद पार्टी पदाधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा के लिए बुलायी गयी बैठक के बाद यादव मीडिया से बातचीत कर रहे थे. जदयू के 2009 में लोकसभा में 20 सदस्य थे जो 2014 में घटकर महज दो रह गये.
स्मृति की शैक्षणिक योग्यता को लेकर हमला करते हुए कांग्रेस नेता अजय माकन ने कल ट्वीट किया था, ‘‘मोदी की कैबिनेट कैसी है. मानव संसाधन विकास मंत्री (शिक्षा का प्रभार) स्मृति ईरानी स्नातक भी नहीं है. भारतीय निर्वाचन आयोग की साइट के पृष्ठ 11 पर उनके शपथपत्र को देखिये.’’ स्मृति पर कांग्रेस के हमले के बारे में सवालों के जवाब देते हुए यादव ने कहा, ‘‘संत कबीर किसी विश्वविद्यालय में नहीं गये लेकिन वह महानतम दार्शनिक थे. देश को 60 साल से अधिक समय से शिक्षित लोग चला रहे हैं और हम सभी के लिए यह देखने की बात है कि इसे कैसे चलाया गया है.’’
जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह को आडे हाथ लिया जिन्होंने अनुच्छेद 370 पर चर्चा करवाने की कल बात कह कर विवाद छेड दिया था.
बहरहाल सिंह ने बाद में यह स्पष्टीकरण दिया कि इस मुद्दे पर उनकी बात को गलत ढंग से पेश किया गया. इस स्पष्टीकरण से अप्रभावित यादव ने कहा कि इस मुद्दे पर ऐसा कुछ भी नहीं किया जाना चाहिए जो कि अब तक इस मुद्दे पर रही परंपरा के विरुद्ध हो.
यादव ने कहा, ‘‘मंत्री ने अनुच्छेद 370 के बारे में जो कहा है मैं उसकी कठोर भर्त्सना करता हूं. यह बयान उपयुक्त नहीं है तथा राष्ट्र के हित में नहीं है. कश्मीर से एक वादा किया गया था.’’ उन्होंने काले धन को सामने लाने के लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में विशेष जांच दल गठित करने के सरकार के निर्णय से असहमति जतायी.
जदयू अध्यक्ष ने इसे राजनीतिक ‘‘खेल’’ करार देते हुए कहा कि ऐसे मुद्दों से पुलिस को सीधे तौर पर निबटना चाहिए क्योंकि पूर्व में कई एसआईटी एवं आयोग बनाये गये लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. जदयू पदाधिकारियों की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें सांप्रदायिकता के खिलाफ उसकी लडाई को जारी रखने की प्रतिबद्धता जतायी गयी.
यादव ने कहा कि वह और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देश में विभिन्न राज्यों का दौरा कर पार्टी को मजबूती देंगे. उन्होंने विभिन्न प्रश्नों के जवाब में कहा, ‘‘हम पहले ही धरातल पर आ गये हैं. हम इससे नीचे नहीं जा सकते. हम या तो वहां से उपर उठेंगे या खत्म हो जायेंगे. लेकिन आपको यह याद रखना चाहिए कि हमारी पार्टी संघर्ष से जन्मी है. पार्टी और इसकी बिहार इकाई में चट्टान जैसी एकता है.’’