नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर कदम आगे बढाने के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ जल्द से जल्द बैठक करने की इच्छा जाहिर की है.सूत्रों ने बताया कि उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों से भी कहा कि वे उन्हें इस मामले में अलग प्रस्तुति के जरिए जीएसटी से जुडे घटनाक्रमों के बारे में अवगत कराएं. नए वित्त मंत्री के सामने राजस्व सचिव राजीव टक्रू की प्रस्तुति के दौरान अधिकारियों ने उन्हें राजस्व के मोर्चे पर आ रही समस्याओं और चुनौतियों से अवगत कराया.
सूत्रों के मुताबिक जेटली ने जीएसटी के मामले में राज्यों के वित्त मंत्रियों से मुलाकात के प्रति इच्छा जाहिर की. अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में इस नई प्रणाली को लागू करने का प्रस्ताव है इसमें उत्पाद, सेवा और विभिन्न स्थानीय कर समाहित हो जाएंगे. संप्रग सरकार ने 2011 में लोकसभा में एक संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था ताकि जीएसटी का रास्ता साफ हो सके. इसमें केंद्रीय और राज्य के स्तर पर लगने वाले अप्रत्यक्ष कर समाहित हो जाएंगे.
सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि राज्य सरकारों की चिंताओं को दूर करते हुये उन्हें जीएसटी के लिए एक मंच पर लाया जाएगा. जीएसटी के अलावा जेटली ने राजस्व अधिकारियों से कर संग्रह लक्ष्य प्राप्त करने से जुडी नाकामी की वजहों के बारे में भी बात की.सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने राजस्व संग्रह में कमी के लिए औद्योगिक गतिविधियों में सुस्ती और आयात में नरमी को जिम्मेदार ठहराया. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 2013-14 के दौरान लगभग पिछले स्तर पर रहा और इसमें 0.1 प्रतिशत की मामूली गिरावट दर्ज की गई.