बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी ने रविवारको किसानों की कर्जमाफी की उनकी सरकार की योजना में 50 फीसदी मदद करने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह किया. कुमारास्वामी ने कहा, ‘किसानों के कर्ज का मसला हमारे दिमाग में है. मेरी सरकार इस समस्या को सुलझाने के लिए तैयार है और मैं केंद्र सरकार से इसमें सहयोग का आग्रह करता हूं.’
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की चौथी बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक में लगभग 85 लाख किसानों पर बैंकों का कृषि कर्ज है. उन्होंने कहा, ‘लगातार सूखे के कारण किसानों का संकट और भी गंभीर होता जा रहा है. मेरा केंद्र सरकार से आग्रह है कि हमारी कर्ज माफी योजना में वह 50 फीसदी की मदद करे.’ किसानों की कर्जमाफी की योजना की घोषणा करने के लिए कुमारस्वामी पर जबरदस्त दवाब है. उनकी पार्टी जद (एस) ने विधानसभा चुनावों के दौरान कर्ज माफी का वादा किया था.
कुमारास्वामी ने 30 मई को कहा था कि उनकी सरकार किसानों की दो चरणों में कर्जमाफी योजना 15 दिन के भीतर लागू करेगी. यह समय सीमा 15 जून को समाप्त हो गयी. विपक्ष और किसान संगठनों के दबाव का सामना कर रहे कुमारास्वामी ने दोहराया कि वह किसानों की कर्जमाफी के लिए प्रतिबद्ध हैं और जल्दी ही इस योजना की घोषणा करेंगे. शुक्रवार को कुमारास्वामी ने ट्वीट कर कहा, ‘किसान भाईयों, किसान कर्जमाफी के मामले में भ्रम की कोई स्थिति नहीं है. कर्जमाफी के लिए मैं पूरी तरह प्रतिबद्ध हूं. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह वैज्ञानिक तरीके से किया जायेगा ताकि अधिक से अधिक किसानों को फायदा मिले. मैं इसके तौर तरीकों पर काम कर रहा हूं और जल्दी ही इसकी घोषणा करूंगा.’
नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल में अपने पहले संबोधन में कुमारास्वामी ने कहा कि प्रदेश की नयी सरकार सूबे की आवाम की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगी और हमें इसमें केंद्र सरकार के पूरे सहयोग की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘हम विभिन्न राजनीतिक विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन विकास के मसले पर हम सबको एक साथ मिल कर काम करना चाहिए.’