नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वास्थ्य योजनाओं के लाभार्थियों से बात की. नमो एप के जरिए बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अच्छी और सस्ती स्वास्थ सेवाएं जो गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंच सके इसके लिए अच्छे अस्पतालों का निर्माण और डॉक्टरों की सीटें बढ़ाने का काम हमने किया है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के तहत हमने सुनिश्चित किया है कि देश की जनता को दवाइयां कम से कम कीमतों में मिल सके. जन औषधि केंद्रों में दवाइयां 50% से 90% तक कम दाम में मिल रही है. ह्रदय रोगियों को सहूलियत देने के लिए हमारी सरकार ने स्टेंट के दामों में 80 से 90% तक की कमी की है.
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने ‘आयुष्मान भारत’ के तहत देश के हर कोने में 1.5 लाख स्वास्थ एवं कल्याण केंद्र खोलने की योजना बनायी है. इन केंद्रों पर दवाइयों के साथ डाइगोनोस्टिक की सेवा भी मिलेगी. उन्होंने कहा कि हमारी लगातार कोशिश प्रत्येक भारतीय के लिए किफायती स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने की है. दवाओं तक पहुंच गरीबों के लिए सबसे बड़ी चिंता है.
पीएम मोदी ने कहा कि सेहतमंद भारत बनाने में स्वच्छ भारत मिशन मुख्य भूमिका निभा रहा है. हमारा लक्ष्य 2025 तक भारत से क्षय रोग को पूरी तरह समाप्त करना है. पीएम मोदी ने 21 जून को आने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पृष्ठभूमि में कहा कि लोग योग का अभ्यास करें और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं.
झारखंड के रामगढ़ जिले के अंजन प्रकाशने भी पीएम मोदी से बात की और बातचीत के दौरान कहा कि मैं प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत दुकान चलाता हूं…मैं यहां बताना चाहूंगा कि इस प्रकार के दुकान खोलने की प्रक्रिया में किसी भी तरह के भ्रष्टाचार से नहीं गुजरना पड़ता है. यह पूरी तरह से पारदर्शक है.
अंजन ने पीएम मोदी को बताया कि दूर दूराज से लोग उनकी दुकान पर सस्ती दवाएं लेने आते हैं और गरीबों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है. उन्होंने बताया कि सस्ती दवाओं के जरिए गरीबों को हर महीने हजारों रुपये की बचत हो रही है. जनऔषधि केंद्र की दवाएं इस्तेमाल करने के बाद लोगों को ये विश्वास हुआ है कि सरकार क्वालिटी से समझौता किये बगैर सस्ती दवाएं दे रही है.
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प्रधानमंत्री श्री@narendramodi जी को अंजन ने बताया कि कैसे सस्ती दवाओं के जरिए गरीबों को हर महीने हजारों रु की बचत हो रही है। जनऔषधि केंद्र की दवाएं इस्तेमाल करने के बाद लोगों को ये विश्वास हुआ है कि सरकार क्वालिटी से समझौता किये बगैर सस्ती दवाएं दे रही है।#HealthKiBaatPMKeSaath pic.twitter.com/grJg2wstzW
— Raghubar Das (@dasraghubar) June 7, 2018