नयी दिल्ली : सरकार ने नहीं चल पा रहे केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को बंद कर उनकी चल एवं अचल सम्पत्तियों का समयबद्ध तरीके से निस्तारण करने के लिए संशोधित दिशा-निर्देशों को बुधवार को मंजूरी दे दी. नये नियमों के अनुसार ऐेसे उपक्रमों की जमीन का आगे इस्तेमाल करने में सस्ते मकानों की योजनाओं को पहली प्राथमिकता दी जायेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. नये दिशा-निर्देश लोक उपक्रम विभाग द्वारा सितंबर, 2016 में जारी दिशा-निर्देशों का स्थान लेंगे. इससे ऐसे खस्ताहाल/घाटे में चल रहे उपक्रमों को बंद और परिसमाप्त करने की योजना में विलंब कम होगा.
बैठक के बाद जारी अाधिकारिक बयान में कहा गया है कि इन दिशा-निर्देशों में संबंधित विभिन्न प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा करने के प्रावधान हैं. इसमें मंत्रालयों और विभागों तथा उपक्रमों के लिए केंद्रीय उपक्रमों को बंद करने की प्रक्रिया के मुख्य चरण और उनको निपटाने की अवधि तय की गयी है. इन दिशा-निर्देशों के अनुसार बंद किये जानेवाले केंद्रीय उपक्रम की जमीन के उपयोग के लिए पहली प्राथमिकता सस्ते आवास की योजनाओं को पहली प्राथमिकता दी जायेगी. ऐसी आवासीय योजनाओं के लिए आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के संबंधित नियम निर्देश लागू होंगे.