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ओबामा ने की मनमोहन की तारीफ

नयी दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने निवर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में उनके साहस और दृष्टिकोण की सराहना की. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि लाखों लोगों को गरीबी के स्तर से उपर उठाने और भारत को वैश्विक नेता के तौर पर पहचान दिलाने में सिंह के […]

नयी दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने निवर्तमान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर द्विपक्षीय रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में उनके साहस और दृष्टिकोण की सराहना की.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि लाखों लोगों को गरीबी के स्तर से उपर उठाने और भारत को वैश्विक नेता के तौर पर पहचान दिलाने में सिंह के प्रयास सराहनीय हैं. ओबामा ने पिछले हफ्ते सिंह को फोन कर कहा था कि उन्हें दिन प्रतिदिन के आधार पर काम करने में उनकी कमी खलेगी.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने सिंह के विदाई पत्र के जवाब में कहा, ‘‘आपके साथ फोन पर बात करना आनंदित करने वाला था और मैं आपके विचारपूर्ण पत्र का जवाब देना चाहता हूं और आपके दो उत्कृष्ट कार्यकालों के लिए अपनी ओर से आपकी गहन प्रशंसा करना चाहता हूं.’’ सिंह ने लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के एक दिन बाद 17 मई को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद ओबामा ने उनसे बात की थी.

ओबामा ने लिखा, ‘‘आपके दस साल के कार्यकाल में आपने साहस और दृष्टिकोण के साथ हमारे दोनों देशों को रक्षा संबंधों को मजबूत करने, असैन्य परमाणु व्यापार में शामिल होने, व्यापार बढाने और स्वच्छ उर्जा प्रौद्योगिकी पर साझेदारी की चुनौती को स्वीकार किया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को परिभाषित करने और बढाने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका का अत्यंत आभारी हूं.’’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने सिंह से कहा कि उनके नेतृत्व ने एक रणनीतिक रिश्ते को मजबूत करने में मदद प्रदान की जिसका हमारे नागरिकों पर दीर्घकालिक असर पडेगा और जो दुनिया को सुरक्षित तथा अधिक समृद्ध बना रही है.ओबामा ने कहा कि दोनों ने आतंकवाद से लडने, जनसंहार के हथियारों का प्रसार रोकने और अफगानिस्तान में शांति को बढावा देने में मिलकर काम किया था.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने लिखा, ‘‘हमने रणनीतिक आदान-प्रदान भी किये जिनसे वैश्विक विकास के साझा विचारों को आकार देने में मदद मिली.’’उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बनने से पहले भी वह भारत से गरीबी हटाने की दिशा में सिंह के समर्पण के प्रशंसक रहे हैं. ओबामा ने पाकिस्तान से संपर्क साधने के सिंह के प्रयासों की भी सराहना की.

अदालत ने आज सुबह केजरीवाल और गडकरी के वकीलों की जिरह सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख दिया था. अदालत ने उनसे पूछा कि क्या वह ऐसा चाहते हैं कि उनके साथ ‘‘कुछ विशेष तरह का व्यवहार किया जाए.’’ अपने खिलाफ जारी सम्मन के अनुपालन में अदालत में पेश हुए केजरीवाल ने मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट से कहा कि वह हलफनामा देने को तैयार हैं कि वह अदालत के समक्ष पेश होंगे. केजरीवाल ने हालांकि, जमानत हासिल करने के लिए मुचलका भरने से इनकार कर दिया.

सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘‘मैं पूरी तरह सहमत हूं लेकिन वह (केजरीवाल) जमानत के लिए मुचलका क्यों नहीं भरेंगे. क्या समस्या है. एक प्रक्रिया है और हमें इस मामले में दूसरी प्रक्रिया क्यों अपनानी चाहिए.’’ मजिस्ट्रेट ने कहा, ‘‘मैं सहमत हूं कि वह अदालत में पेश होंगे, लेकिन प्रक्रिया यह है कि किसी भी व्यक्ति को जमानत के लिए मुचलका भरना होता है. क्या आप चाहते हैं कि आपके साथ विशेष तरह का व्यवहार किया जाए ?’’ अदालत में केजरीवाल ने भी दलीलें पेश कीं. केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने कोई जघन्य अपराध नहीं किया है और वह किसी विशेष व्यवहार की उम्मीद नहीं कर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा सिद्धांत है कि जब मैंने कुछ गलत नहीं किया है तो मैं जमानत नहीं मागूंगा. मैं जेल जाने को तैयार हूं.’’ केजरीवाल की ओर से पेश हुए वकीलों प्रशांत भूषण तथा राहुल मेहरा ने मजिस्ट्रेट से कहा कि ये मामले राजनीतिक प्रकृति के हैं और आम आदमी पार्टी (आप) के सिद्धांत के अनुसार वे जमानत के लिए मुचलका नहीं भरेंगे.गडकरी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पिंकी आनंद ने बचाव पक्ष के वकील की दलील का विरोध किया और कहा कि कानून में हलफनामा देने की कोई प्रक्रिया नहीं है और कानून किसी के लिए भी अलग नहीं होना चाहिए.

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