बेंगलुरू: कर्नाटक में कांग्रेस का लिंगायत कार्ड फेल हो गया है. मंगलवार को आये चुनाव परिणाम के मुताबिक, लिंगायतों के असर वाली 70 सीटों में से भाजपा को 40, कांग्रेस को 21 और जेडीएस को नौ सीटें मिली है. चुनाव से पहले निवर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने का एलान किया था.
कांग्रेस का मानना था कि इससे उसे चुनाव में बढ़त मिलेगी, लेकिन उसका यह दांव भी उलटा पड़ गया. भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार येदियुरप्पा इसी समुदाय से आते हैं, जिसका फायदा पार्टी को मिला है. 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में लिंगायत समुदाय ने कांग्रेस को वोट दिया था.
उस समय कांग्रेस ने 47 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने इन क्षेत्रों में महज पांच सीटें ही हासिल की थी. वहीं, इस बार एससी-एसटी की बात करें, तो 92 में से भाजपा सिर्फ 32 सीटें ही जीत सकी है. जबकि, कांग्रेस 43 और जेडीएस 17 सीटें जीती हैं. हालांकि, पिछले चुनाव के मुकाबले कांग्रेस को नौ सीटों का नुकसान हुआ है.