मुंबई : मुंबई की एक अदालत ने पत्रकार जे डे की हत्या के सनसनीखेज मामले में गैंगस्टर छोटा राजन को आज दोषी करार दिया वहीं पूर्व पत्रकार जिग्ना वोरा और एक अन्य आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.वोरा के अलावा पॉल्सन जोसेफ़ को भी बरी कर दिया गया है.
अदालत ने इस मामले में राजन समेत 9 लोगों को दोषी करार दिया है. जे डे मिड डे न्यूज़ पेपर में बतौर वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर काम करते थे.ज्योतिर्मयअखबार में जे डे नाम से लिखते थे. 11 जून 2011 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी.
इस पूरे मामले में घटनाक्रम कुछ इस प्रकार रहा :
11 जून 2011 : पत्रकार ज्योर्तिमय डे (56) की उपनगर पोवई में हीरानंदानी गार्डन्स के निकट गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पोवई पुलिस थाने में हत्या का मामला दर्ज हुआ और इसकी जांच अपराध शाखा को सौंपी गई .
27 जून 2011 : मुंबई की अपराध शाखा ने सात लोगों को गिरफ्तार किया था जिसमें शूटर सतीश कालिया के अलावा अभिजीत शिंदे, अरूण दाके, सचिन गायकवाड़, अनिल वाघमोरे, नीलेश शेंडगे और मग्नेश अगवाने शामिल हैं. उनसे पूछताछ के आधार पर पुलिस ने तीन और आरोपियों विनोद असरानी, दीपक सिसोदिया और पॉलसन जोसेफ को गिरफ्तार किया.
7 जुलाई 2011 : आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के सख्त प्रावधान लागू किए गए.
25 नवंबर 2011 : पत्रकार जिग्ना वोरा को गिरफ्तार किया गया. आरोप लगा कि जिग्ना ने गैंगस्टर छोटा राजन को जेडे की हत्या की योजना बनाने के लिए उकसाया.
3 दिसंबर 2011 : अपराध शाखा ने मामले में आरोप पत्र दाखिल किया. इसमें छोटा राजन और नयन सिंह बिष्ट को वांछित आरोपी बताया गया.
21 फरवरी 2012 : वोरा के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया गया.
27 जुलाई 2012 : वोरा को जमानत मिली.
10 अप्रैल 2015 : लंबी बीमारी के बाद असरानी की जेल में मौत.
आठ जून 2015 : अदालत ने 11 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी, मकोका और सशस्त्र अधिनियम की संबद्ध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया.
25 अक्तूबर 2015 : राजन को इंडोनेशिया के बाली से गिरफ्तार किया गया और भारत भेजा गया. बाद में उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया.
पांच जनवरी 2016 : मामला सीबीआई को सौंपा गया. सात नवंबर 2016 : डे की पत्नी शुभा शर्मा ने अदालत में बताया कि हत्या के एक हफ्ते पहले से डे बहुत तनाव में थे.
31 अगस्त 2017 : विशेष मकोका अदालत ने राजन के खिलाफ आरोप तय किए.
22 फरवरी 2018 : अभियोजन पक्ष ने अंतिम दलीलें पूरी की.
दो अप्रैल 2018: अदालत ने राजन का अंतिम बयान दर्ज किया . वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राजन तिहाड़ जेल से अदालत में पेश हुआ.
तीन अप्रैल 2018 : बचाव पक्ष की दलीलें पूरी हुई. विशेष मकोका अदालत ने दो मई तक के लिए फैसले को सुरक्षित रखा.