इन्दौर: लोकसभा चुनावों की कल 16 मई को होने वाली मतगणना से पहले सियासी गलियारों में यह सवाल कौतूहल का विषय बना हुआ है कि भाजपा की वरिष्ठ नेता और इंदौर की निवर्तमान सांसद सुमित्र महाजन इस सीट से लगातार आठवीं जीत हासिल कर सकेंगी या वह यह कीर्तिमान रचने से चूक जायेंगी.
‘ताई’ के नाम से मशहूर 71 वर्षीय भाजपा नेता अगर चुनावी जीत की चुनौती पूरी कर लेती हैं, तो वह एक ही सीट से लगातार आठ बार लोकसभा पहुंचने वाली देश की पहली महिला सांसद होने का गौरव भी हासिल करेंगी. वह वर्ष 1989 से इंदौर लोकसभा क्षेत्र की नुमाइंदगी कर रही हैं.
सियासी विश्लेषकों का मानना है कि इंदौर से लगातार आठवीं बार लोकसभा की दौड में शामिल सुमित्र को इन चुनावों में भाजपा की स्थानीय गुटबाजी की अपेक्षाकृत कम समस्याएं ङोलनी पडीं. इसके साथ ही, उन्हें भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की लहर से खासा फायदा भी मिला.
कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल (46) सुमित्रा के मुख्य चुनावी प्रतिद्वन्द्वी हैं, जिन्होंने ‘ताई’ की कथित निष्क्रियता के मुद्दे को लगातार उठाकर इंदौर लोकसभा क्षेत्र में अपनी पार्टी का 25 वर्षीय सूखा समाप्त करने का प्रयास किया.प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा, ‘‘अपने पिछले 25 साल के संसदीय कार्यकाल के दौरान सुमित्र निष्क्रिय बनी रहीं और इंदौर क्षेत्र को विकास की कोई विशेष सौगात नहीं दे सकीं. लिहाजा मतदाताओं ने इस बार उन्हें हराने के लिये वोट दिये.
सलूजा ने इंदौर लोकसभा क्षेत्र में ‘मोदी लहर’ के वजूद को खारिज करते हुए दावा किया कि चुनावी नतीजे पटेल के पक्ष में आयेंगे और वह सुमित्र को हराकर इस सीट पर कांग्रेस का परचम लहराने में कामयाब होंगे.वैसे पटेल भाजपा का इंदौर स्थित गढ भेदने की कोशिश में एक बार नाकाम हो चुके हैं. पिछले चुनावों में सुमित्र ने भाजपा के एक स्थानीय धडे के कथित भितरघात के बावजूद पटेल को 11,480 मतों से मात दी थी और लगातार सातवीं बार इंदौर लोकसभा सीट जीत ली थी.