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स्वीडन यात्रा पर रवाना हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जानिये क्या शिड्यूल…?

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को छह दिवसीय यात्रा पर स्वीडन और ब्रिटेन के लिए रवाना हुए, जहां वह व्यापार और निवेश सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने पर जोर देंगे. अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ब्रिटेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा करेंगे. […]

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को छह दिवसीय यात्रा पर स्वीडन और ब्रिटेन के लिए रवाना हुए, जहां वह व्यापार और निवेश सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने पर जोर देंगे. अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ब्रिटेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर चर्चा करेंगे.

इसके अलावा, मोदी राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों के सम्मेलन (चोगम) में भाग लेंगे. वह स्वदेश वापसी के दौरान 20 अप्रैल को बर्लिन में कुछ देर के लिए ठहरेंगे. 16 से 21 अप्रैल तक निर्धारित स्वीडन और ब्रिटेन की यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा था कि वह व्यापार, निवेश और स्वच्छ ऊर्जा समेत विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय साझेदारी गहरा बनाने को लेकर आशान्वित हैं.

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मोदी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि भारत और स्वीडन के बीच दोस्ताना रिश्ता है. हमारी साझेदारी लोकतांत्रिक मूल्यों तथा खुले, समावेशी एवं नियमों की बुनियाद पर टिकी वैश्विक व्यवस्था के प्रति कटिबद्धता पर आधारित है. स्वीडन हमारे विकास पहलों में एक मूल्यवान साझेदार है. प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के प्रथम पड़ाव में स्वीडन पहुंचेंगे, जो तीन दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी.

भारत-नोर्डिक सम्मेलन में लेंगे हिस्सा

स्वीडन यात्रा के दौरान मोदी द्विपक्षीय वार्ता करने के साथ प्रथम भारत-नोर्डिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इस सम्मेलन का सह-आयोजन भारत और स्वीडन ने किया है. इस सम्मेलन में सभी नॉर्डिक देश हिस्सा ले रहे हैं. इसमें डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे तथा स्वीडन के प्रधानमंत्री शामिल होंगे. प्रधानमंत्री 16 अप्रैल को शाम को स्टॉकहोम पहुंचेंगे. 17 अप्रैल को वह कई बैठकों में शामिल होंगे.

स्वीडन के साथ करेंगे द्विपक्षीय वार्ता

भारत-नॉर्डिक सम्मेलन के इतर मोदी की डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें होंगी. इसके अलावा, मोदी और स्वीडन के प्रधानमंत्री मंगलवार को द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. मोदी ने कहा कि वह और लोफवेन दोनों देशों के शीर्ष कारोबारी नेताओं से संवाद करेंगे तथा व्यापार एवं निवेश, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा एवं स्मार्ट सिटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग की भावी रूपरेखा तैयार करेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह स्वीडन के नरेश कार्ल सोलहवें गुस्ताफ से भी मिलेंगे.

पर्यावरण आैर स्वच्छ तकनीक पर होगा जोर

मोदी ने कहा कि स्वच्छ प्रौद्योगिकियों, पर्यावरण हल, बंदरगाह आधुनिकीकरण, कोल्ड चेन, कौशल विकास और नवोन्मेष में नोर्डिक देशों की ताकत का लोहा विश्व मान चुका है. नोर्डिक क्षमता भारत के परिवर्तन के हमारे दिशादृष्टि में सटीक बैठती है. स्वीडन से मोदी मंगलवार को ब्रिटेन जायेंगे, जहां वह अपनी ब्रिटिश समकक्ष टेरीजा मे के साथ द्विपक्षीय भेंटवार्ता के अलावा राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षो की बैठक में हिस्सा लेंगे.

इन मसलों पर करेंगे चर्चा

मोदी ने कहा था कि लंदन की मेरी यात्रा दोनों देशों को इस बढ़ती द्विपक्षीय साझेदारी में एक नयी गति पैदा करने का एक मौका प्रदान करती है. मैं स्वास्थ्य, नवोन्मेष, डिजिटलीकरण, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, स्वच्छ ऊर्जा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में भारत ब्रिटेन साझेदारी बढ़ाने पर बल दूंगा. विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन के आपसी संबंधों को और गहरा बनाने पर चर्चा होगी.

राष्ट्रमंडल देशों के साथ रिश्तों को देंगे मजबूती

इसमें मुख्य विषय प्रौद्योगिकी होगा. प्रधानमंत्री की इस यात्रा का मकसद नार्डिक देशों के साथ भारत के संबंधों को प्रगाढ़ बनाना है. इसके अलावा, भारत, राष्ट्रमंडल देशों के संबंधों को नयी ऊंचाई पर ले जाना चाहता है. भारत और नॉर्डिक देशों के बीच गहरा संबंध है और इनके साथ 5.3 अरब डालर का कारोबार है. डेनमार्क, फिनलैंड और स्विडन यूरोपीय संघ में शामिल है जबकि नार्वे और आइसलैंड यूरोपीय फ्यूचर एसोसिएशन का हिस्सा हैं.

इन देशों के साथ सहयोग लेने की होगी कोशिश

भारत इन देशों के साथ कौशल विकास, पर्यावरण, कोयला, बंदरगाह विकास के अलावा स्वच्छ भारत, स्मार्ट सिटी और स्वच्छ गंगा में सहयोग करना चाहता है. वहीं, इन देशों को भारत के बाजार और प्रतिभाओं का फायदा मिलेगा. वहीं, ब्रिटेन में निवेश करने में भारत का स्थान चौथा स्थान है और वहां रोजगार उत्पन्न करने में भी भारत का अग्रणी स्थान है. ऐसे में भारतीय प्रधानमंत्री की इस यात्रा को दोनों देशों के पुराने एवं परिपक्व संबंधों को मजबूती प्रदान करने के संदर्भ में देखा जा रहा है.

भारतीय आैर ब्रिटिश नागरिकों से करेंगे मुलाकात

यात्रा का विषय द्विपक्षीय रिश्तों में अहम योगदान देने वालों का सम्मान करना रखा गया है. अधिकारी ने बताया कि लेखन, कारोबार, कला, विज्ञान आदि क्षेत्रों के जरिए काफी योगदान देने वालों और स्टार्ट अप, नवोन्मेष करने वाले भारतीयों एवं ब्रिटिश नागरिकों से प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात करेंगे. ब्रिटेन प्रिंस चा‌र्ल्स और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहां साथ साथ आयुर्वेद पर लगायी गयी एक प्रदर्शनी को भी देखेंगे.

संस्थानों में भी देंगे स्पीच

मोदी का वहां कुछ संस्थान जाने का भी कार्यक्रम है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 अप्रैल को लंदन ‘भारत की बात, सबके साथ’ शीर्षक से एक परिचर्चा सत्र को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रमंडल देशों के शासनाध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इसमें 53 सदस्य राष्ट्र अवसरों और चुनौतियों, लोकतंत्र और शांति तथा समृद्धि को आगे बढ़ाने के बारे में साझा रुख तय करेंगे. यह शिखर सम्मेलन पहली बार विंडसर कैसल में होगा.

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