नयी दिल्ली : सरकार में भ्रष्टाचार या सरकारी अधिकारियों की अनियमितताओं को उजागर करने वाले लोग अब किसी भी तरह के उत्पीडन से भयमुक्त रह सकते हैं. भ्रष्टाचार उजागर करने वाले लोगों यानी ‘व्सिहलब्लोअर्स’ की पहचान गुप्त रखने से जुडे प्रावधान वाले व्हिसलब्लोअर संरक्षण अधिनियम, 2011 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी. कानून जनता को मंत्रियों और लोकसेवकों द्वारा अधिकारों का जानबूझकर दुरपयोग करने के बारे में या भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी का खुलासा करने के लिए उत्साहित करने की प्रणाली प्रदान करता है.
कानून के अनुसार कोई व्यक्ति किसी सक्षम प्राधिकार के समक्ष भ्रष्टाचार के मामले में जनहित में जानकारी सार्वजनिक कर सकता है. फिलहाल केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) सक्षम प्राधिकार है. कानून कहता है कि सरकार अधिसूचना जारी करके भ्रष्टाचार के बारे में इस तरह की शिकायतें प्राप्त करने के लिए भी किसी को नियुक्त कर सकती है. इस कानून में झूठी या फर्जी शिकायतों के मामले में दो साल तक की कैद और 30,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है.