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रीगोनॉमिक्स का इंडियन अवतार

आजकल भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की तुलना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन से की जाती है. कहा जाता है कि मोदी के विकास का मॉडल रीगोनॉमिक्स पर आधारित है. रीगन 1981 से 1989 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे. राष्ट्रपति बनने से पहले वह कैलिफोíनया के गवर्नर थे. राजनीति में आने […]

आजकल भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की तुलना अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन से की जाती है. कहा जाता है कि मोदी के विकास का मॉडल रीगोनॉमिक्स पर आधारित है. रीगन 1981 से 1989 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे. राष्ट्रपति बनने से पहले वह कैलिफोíनया के गवर्नर थे. राजनीति में आने से पहले रीगन फिल्मों में काम करते थे. 1973 में बनी लव इज ऑन दी एयर में उनकी मुख्य भूमिका थी.जानते हैं कि रीगन की इकोनॉमिक पॉलिसी के बारे में.

रोनाल्ड रीगन ने जब अमेरिका की सत्ता संभाली थी उस समय अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब थी. बेरोजगारी बढ़ी हुई थी. राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने जो आर्थिक नीतियां लागू की उसे ही रीगोनॉमिक्स कहा जाता है. रीगोनॉमिक्स सप्लाई यानी वितरण आधारित नीति है. इसमें आíथक विकास को बढ़ाने के लिए टैक्स की दर को कम किया जाता है और महंगाई रोकने के लिए मुद्रा की सप्लाई को नियंत्रित किया जाता है. इसके साथ ही अर्थव्यवस्था में सरकार का दखल और सरकारी निवेश को एकदम कम कर दिया जाता है.

रीगन मजदूर संगठनों और साम्यवादी विचारधारा के भी विरोधी थे इसीलिए उन्होंने अपने कार्यकाल में मजदूर संगठनों के प्रति कड़ा रुख अपनाया था. तत्कालीन सोवियत संघ को रीगन ने शैतान राष्ट्र तक कह दिया था. अपनी आर्थिक नीतियों के बारे में रीगन ने अमेरिकी जनता को 1980 में चुनाव प्रचार के दौरान ही अवगत करा दिया था जो मुक्त व्यापार पर आधारित थी. यह नीति महान मंदी और रूजवेल्ट की न्यूडील पॉलिसी के आने के पहले काम करती थी. इस नीति का स्लोगन है- सप्लाई क्रियेट्स इट्स ओन डिमांड. रीगन की यह नीति अब तक मांग पर आधारित अर्थव्यवस्था के ठीक उलट थी. इस नीति में टैक्स की दर को कम करने के पीछे यह तर्क दिया जाता है कि ज्यादा टैक्स रेट से राजस्व को घाटा होता है क्योंकि इससे उपादन को प्रोत्साहन नहीं मिलता है. रीगन की इस नीति को 80 के दशक में अमेरिका में जोरदार समर्थन मिला था.

अमेरिकी उद्योग जगत के इस सबसे चहेते राष्ट्रपतियों में से एक रोनाल्ड विल्सन रीगन का जन्म छह फरवरी 1911 को हुआ था. उनका निधन 93 साल की उम्र में 5 जून 2004 को कैलिफोíनया में हुआ. भारत के संदर्भ में देखें तो नरेंद्र मोदी को लेकर उद्योग जगत बेहद उत्साहित है. एग्जिट पोल के बाद से ही बाजार में रैली का रुख बना हुआ है. उद्योग जगत का यह उत्साह ठीक रीगन के सत्ता में आने के वक्त जैसा ही दिख रहा है. मजदूर संगठनों और श्रमिकों के हितों से जुड़े कानून कांग्रेस के राज में काफी हद तक कमजोर किये जा चुके हैं.

अब भाजपा उसकी रही सही कसर पूूरी करेगी क्योंकि उद्योग जगत श्रमिक कानूनों को लाचार और बेबस बना देना चाहता है. मोदी टैक्स ढांचे के पुनगर्ठन की वकानत करते हैं. सप्लाई और डिमांड की थ्योरी से भी रीगनॉमिक्स को जोड़कर देखा जा रहा है. कुल मिलाकर बाजार मुक्त व्यवस्था और पूंजी के बिना रोकटोक के प्रवाह को बढ़ावा देने की पॉलिसी ही रीगोनॉमिक्स है. अर्थशास्त्र के जानकारों का ऐसा कहना है कि मनमोहन सिंह की सरकार और भविष्य में दिल्ली के तख्त पर बैठने वाली सरकार की अर्थनीति में कोई बुनियादी बदलाव तो नहीं आयेगा पर बहुत कुछ उन नीतियों की गतिशीलता पर निर्भर करता है और इसे ही बदलाव का बड़ा कारण समझा जा रहा है.

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