मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने कथित वित्तीय अनियमितता के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके सहयोगी जावेद आनंद की गिरफ्तारी पर दो मई तक के लिए आज रोक लगा दी. न्यायमूर्ति रेवती मोहिते- डेरे की पीठ ने उनकी परागमन अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें दो मई तक के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी. सीतलवाड़ और उनके सहयोगी ने यह याचिका कल दायर की थी.
उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए पीठ ने उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए कल और जरूरत के अनुसार जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया अहमदाबाद पुलिस की अपराध शाखा ने पिछले सप्ताह सीतलवाड़ और आनंद के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी. उसने आरोप लगाया है कि दोनों ने अपने गैर- सरकारी संगठन सबरंग ट्रस्ट के जरिये 2008 से 2013 के बीच कथित रूप से धोखाधड़ी कर केंद्र सरकार से 1.4 करोड़ रूपये हासिल किये.
कार्यकर्ताओं ने पारगमन अग्रिम जमानत के लिए कल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. सीतलवाड़ और आनंद की ओर से वरिष्ठ वकील मिहिर देसाई ने उच्च न्यायालय को बताया कि दोनों अपने बयान दर्ज कराने के लिए कल जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने को तैयार हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ आनंद जरूरत के अनुसार एजेंसी के समक्ष पेश होंगे. सीतलवाड़ दस अप्रैल से 15 मई के बीच भारत से बाहर जा रही हैं. वह लौटकर फिर से एजेंसी के समक्ष पेश होंगे.’ देसाई ने कहा कि अदालत को उन्हें परागमन अग्रिम जमानत देनी चाहिए ताकि वे नियमित अग्रिम जमानत के लिए उचित अदालत में आवेदन कर सकें.