नयी दिल्ली : नैक ने शैक्षणिक संस्थाओं की गुणवत्ता मूल्यांकन की व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त बनाते हुए सभी जानकारी को ऑनलाइन करना अनिवार्य कर दिया है. साथ ही, पहली बार छात्रों और अभिभावकों की संतुष्टि पर विस्तृत प्रश्नोत्तरी को प्रक्रिया में शामिल किया है. नैक की कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष डा. वीरेन्द्र एस चौहान ने से विशेष बातचीत में बताया, ‘‘शैक्षणिक संस्थाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया में पहली बार हमने छात्रों एवं अभिभावकों की संतुष्टि को तवज्जो दिया है. ऐसा इसलिए किया गया है, क्योंकि गुणवत्ता की परिभाषा अलग-अलग पक्षकारों के लिए अलग-अलग होती है लेकिन छात्र एवं अभिभावक का महत्व सबसे ज्यादा है.” ‘
उन्होंने कहा, ‘‘ इस स्थिति को देखते हुए विस्तृत प्रश्नोत्तरी तैयार की गई है जिसमें छात्रों एवं अभिभावकों की चिंताओं का खास ध्यान रखा गया है. छात्रों से बिना बारी के प्रश्नोत्तरी पर जवाब मांगा जा सकता है और उनकी पहचान जाहिर नहीं की जायेगी.” चौहान ने कहा कि नैक के मूल्यांकन के नियमों में संशोधन किया गया है. इसके तहत विश्वविद्यालय सहित कालेजों को नैक ग्रेडिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा. ऑनलाइन माध्यम से भेजी गई सभी तरह की जानकारी की जांच पहले नैक की एक टीम करेगी. इसके बाद ऑनलाइन डाली गई सभी तरह की सूचनाओं का आकलन कर ग्रेड तय कर दिया जाएगा.