लखनऊ : सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एमपी चौधरी ने 3,695 करोड़ रुपये के लोन डिफाॅल्ट मामले में रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल कोठारी को शनिवार को 11 दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया. सीबीआई ने कोठारी पिता-पुत्र को दिल्ली से ट्रांजिट रिमांड पर लाने के बाद विशेष अदालत में पेश किया. न्यायाधीश ने पहले उन्हें न्यायिक हिरासत में और फिर 11 दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया. इन दोनों आरोपियों की हिरासत की अवधि शनिवार से शुरू होकर सात मार्च को दोपहर दो बजे खत्म होगी.
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अदालत ने यह आदेश सीबीआई के उपाधीक्षक और इस मामले के जांच अधिकारी जीएम राठी की अर्जी को मंजूर करते हुए दिया. जांच अधिकारी ने कहा कि इन आरोपियों ने कई बैंकों के साथ व्यापक पैमाने पर जालसाजी की है. एजेंसी को अपराध में शामिल बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारियों तथा अन्य व्यक्तियों के नामों का पता लगाना है और विस्तृत पूछताछ करनी है. इससे पहले 23 फरवरी को दिल्ली में गिरफ्तार इन आरोपियों को सीबीआई यहां ट्राजिंट रिमांड पर लायी थी.
गौरतलब है कि 18 फरवरी, 2018 को बैंक ऑफ बड़ौदा, कानपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक बृजेश कुमार सिंह ने मेसर्स रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ ही इसके अध्यक्ष विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी और बेटे राहुल कोठारी तथा बैंक के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ इस मामले की शिकायत सीबीआई में दर्ज करायी थी. बैंकों ने कंपनी को 2,919 करोड़ रुपये का लोन दिया था, जो भुगतान में बार-बार विफल रहने के बाद ब्याज वगैरह मिलाकर 3,695 करोड़ रुपये हो गया.