नोएडा / श्रीनगर : ग्रेटर नोएडा स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले तीन कश्मीरी छात्रों की उनके साथी छात्रों ने कथित रुप से पिटाई की और उन्हें पाकिस्तान विरोधी नारे लगाने को मजबूर किया. इस खबर पर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तत्काल तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश प्रशासन से कहा कि उसे छात्रों को सुरक्षा मुहैया कराने में अपनी विफलता और अनिच्छा को स्वीकार करना चाहिए.
हाल की यह घटना से करीब दो महीने पहले घटित ऐसी ही एक घटना में मेरठ के एक विश्वविद्यालय से 60 से ज्यादा कश्मीरी छात्रों को इसलिए निष्कासित कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने एशिया कप मुकाबले के दौरान भारत के खिलाफ खेल रही पाकिस्तान की टीम का उत्साहवर्धन किया था.
नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे एक कश्मीरी छात्र ने बताया कि शराब के नशे में धुत पांच छह छात्रों ने कश्मीरी छात्रों की पिटाई की और उनसे गाली गलौच की.
छात्र ने बताया, उन्होंने कल देर रात मेरा दरवाजा खटखटाया. जब मैंने जवाब नहीं दिया तो वे अंदर घुस आए. वे पांच छह छात्र शराब पीए हुए थे. उन्होंने हमें गाली देना शुरु कर दिया और फिर यह जानकर कि हम कश्मीरी हैं ,उन्होंने हमारी पिटाई और गाली गलौच करना शुरु कर दिया. ऐसा पहले भी हो चुका है. उसने बताया कि उनके साथ आये अन्य छात्रों ने हमसे भारत जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा लगाने को कहा, विरोध करने पर फिर गाली दी और आतंकवादी कहा.
इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर कहा , अगर विश्वविद्यालय और राज्य प्रशासन कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा नहीं कर सकते तो उसे अपनी अक्षमता और अनिच्छा को स्वीकार करना चाहिए.
अब्दुल्ला ने तंज कसते हुए कहा कि जोर जबरदस्ती से राष्ट्रभक्ति जगाने का ऐसा प्रयास कश्मीरियों के दिल से अलग थलग पड़ जाने के भय को खत्म नहीं करेगा, बल्कि उसे और बढ़ाएगा.
आइये सब मिलकर कश्मीरी छात्रों के मन में जबरिया देशभक्ति जगाने की कोशिश करें. हमें क्यों ऐसा नहीं करना चाहिए. वाह यह कश्मीरियों के मन से अलग थलग पड जाने के भय की भावना को निकालने का बहुत बढि़या तरीका है. उमर ने कहा कि वह अगले किसी भी कदम के बारे में फैसला करने से पहले ,राज्य सरकार के दिल्ली स्थित रेजिडेंट कमिश्नर को संबद्ध विश्वविद्यालय का दौरा करने और मामले से जुडे तथ्यों का पता लगाने के लिए भेजेंगे.
करीब दो महीने पहले मेरठ स्थित स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के साठ से ज्यादा कश्मीरी छात्रों को इसलिए छात्रावास से निष्कासित कर दिया गया था कि उन्होंने एशिया कप मैच के दौरान भारत के खिलाफ खेल रही पाकिस्तान की टीम के सदस्यों का उत्साहवर्धन किया था.