!!विनय तिवारी!!
नयी दिल्ली : पिछले एक दशक में भारत में कक्षा 8 तक पढ़ने वाले छात्रों की संख्या दोगुनी हुई है, लेकिन उनके द्वारा हासिल कौशल विकास का स्तर काफी कम है. स्कूलों में नामांकित या नहीं पढ़ने वाले 14-18 आयु वर्ग के 42 फीसदी युवा काम करते हैं. इसमें से 79 फीसदी खेती और 75 फीसदी घरों में काम करते हैं. मंगलवार को जारी असर 2017 की रिपोर्ट के अनुसार भारत के 14-18 आयु वर्ग के लगभग 86 फीसदी बच्चे स्कूलों में नामांकित हैं. इस आयु वर्ग के 73 फीसदी बच्चे माेबाइल का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन 63.7 फीसदी ने इंटरनेट अौर 59.3 फीसदी ने कंप्यूटर का कभी भी प्रयोग नहीं किया है. चिंता की बात यह भी है कि 36 फीसदी को देश की राजधानी का नाम नहीं पता. 42 फीसदी ही अपने राज्य का नक्शा पहचानते हैं.
एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट-बियांड बेसिक्स नामक जारी रिपोर्ट के मुताबिक उम्र बढ़ने के साथ बच्चों की अंग्रेजी समझने की क्षमता बढ़ रही है, लेकिन गणित की समझ अभी भी कमजोर बनी हुई है. 83 फीसदी ने समय बताने के बारे में सरल सवाल (केवल घंटे बताना) का जवाब दिया, जबकि केवल 60 फीसदी ही घंटे व मिनट के रूप में समय बता पाये. यानी 40 फीसदी को समय के बारे में सही-सही नहीं पता है. पहली बार असर ने 14-18 साल के बच्चों को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है. मौजूदा समय में हर 10 में एक छात्र इस आयु वर्ग में आता है. 14 साल की आयु तक छात्र और छात्राओं के बीच नामांकन में सिर्फ 1 फीसदी का अंतर है. लेकिन उम्र बढ़ने के साथ ही छात्र और छात्राओं के बीच नामांकन का फासला तेजी से बढ़ जाता है.
रिपोर्ट के अनुसार प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद छात्रों के मुकाबले छात्राएं बड़ी संख्या में पढ़ाई छोड़ देती हैं. पढ़ाई छोड़ने वाले 50 फीसदी छात्रों का कहना है कि उन्होंने स्कूल फेल होने या पढ़ाई में रुचि नहीं होने के कारण छोड़ दी, लेकिन लड़कियों ने पारिवारिक दिक्कतों को सबसे बड़ी वजह बताया. रिपोर्ट के अनुसार 14-18 आयु वर्ग के 78 फीसदी युवा कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए हैं. लेकिन उनकी कृषि शिक्षा या वेटनरी कोर्स में नामांकन सिर्फ 0.5 फीसदी ही है. वोकेशनल कोर्स करने वाले युवाओं की संख्या इस आयु वर्ग में सिर्फ 5 फीसदी है. रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश युवा कम अवधि के वोकेशनल कोर्स को ही तवज्जो देते हैं. 34 फीसदी युवा 3 महीने से कम वाले कोर्स और 25 फीसदी 6 महीने वाले काेर्स में नामांकित हैं. यह रिपोर्ट देश के 24 राज्यों के 28 जिलों में किये गये सर्वे के आधार पर तैयार की गयी है.
पूर्वी सिंहभूम : 32.8% कक्षा दो के पाठ्यक्रम पढ़ने में असफल
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में 32.8 %कक्षा दो के पाठ्यक्रम नहीं पढ़ पाये, 55.7 %भाग नहीं दे पाये, 53.9 %बच्चे अंग्रेजी के सामान्य वाक्य पढ़ने में सक्षम नहीं थे. वस्तु के लंबाई का आंकलन करने में पूर्वी सिंहभूम के लगभग 60 फीसदी छात्र नाकाम रहे. जबकि राष्ट्रीय तौर पर इस आयु वर्ग के 44.5 फीसदी कक्षा दो के पाठयक्रम, 35.2 फीसदी गुणा, 35.9 फीसदी अंग्रेजी नहीं पढ़ पा रहे हैं.