नयी दिल्ली: भाजपा से अपने निष्कासन को चुनौती देते हुए चर्चित वकील राम जेठमलानी ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि उन्होंने वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी से कोई क्षतिपूर्ति नहीं मांगी.
जेठमलानी (90) के वकील ने संयुक्त रजिस्ट्रार अनिल कुमार सिसौदिया से कहा, ‘‘मेरा मुवक्किल वाजपेयी और मोदी के खिलाफ अपने मामले पर जोर नहीं देना चाहता और उन्हें लिखित बयान दर्ज करने की जरुरत नहीं है.’’ जेठमलानी द्वारा दायर कानूनी वाद के जवाब में अध्यक्ष राजनाथ सिंह और अरुण जेटली सहित भाजपा संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्यों ने आज अपने जवाब दायर किये.
जेठमलानी के वकील अशोक अरोडा ने कहा कि भाजपा के संसदीय बोर्ड के सदस्यों द्वारा दायर जवाबों में ‘‘स्वाभाविक कमी’’ है क्योंकि उन सभी ने समान प्रमाण पेश किये. उन्होंने कहा, ‘‘एक नेता एक अन्य नेता और जेठमलानी के बीच बातचीत की सामग्री का सत्यापन कैसे कर सकता है?’’ गौरतलब है कि जेठमलानी ने ‘‘अनुशासनहीनता’’ के आरोप में भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासन को चुनौती दी है.
उन्होंने वाजपेयी और मोदी को छोडकर भाजपा के संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्यों को 50 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति मांगी है.