17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा-भारत शांति के पक्ष में, लेकिन अपनी रक्षा के लिए लगा देगा पूरी ताकत

जालंधर : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवारको कहा कि भारत शांति के लिए कटिबद्ध है, लेकिन राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा के लिए वह अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल करेगा. पंजाब में आदमपुर वायुसेना स्टेशन पर वायुसेना के 223 स्क्वाड्रन और 117 हेलीकॉप्टर इकाई को प्रतिष्ठित राष्ट्रपति स्टैंडर्ड प्रदान करने से जुड़े एक कार्यक्रम में […]

जालंधर : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवारको कहा कि भारत शांति के लिए कटिबद्ध है, लेकिन राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा के लिए वह अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल करेगा. पंजाब में आदमपुर वायुसेना स्टेशन पर वायुसेना के 223 स्क्वाड्रन और 117 हेलीकॉप्टर इकाई को प्रतिष्ठित राष्ट्रपति स्टैंडर्ड प्रदान करने से जुड़े एक कार्यक्रम में कोविंद ने वायुसेना के योद्धाओं की प्रशंसा भी की.

उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में भारत के उद्भव के कई पहलू हैं. लेकिन, इसके पीछे काफी सारा श्रेय उसके सशस्त्र बलों की क्षमताओं और साहस को जाता है. राष्ट्रपति ने कहा कि नागरिक चैन से सोते हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि सुरक्षाबल उनकी सुरक्षा के लिए वहां हैं. एक सरकारी विज्ञप्ति में उनके हवाले से कहा गया है, वैसे तो हम शांति के लिए कटिबद्ध हैं, लेकिन हम अपने राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा के लिए अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल करने के लिए कटिबद्ध हैं. हर बार जब हमें जरूरत हुई, हमारे वीर जवान इस मौके पर उठ खड़े हुए. वायुसेना के 223 स्क्वाड्रन या ट्राइडेंट का गठन 10 मई, 1982 को आदमपुर में किया गया था. पहले उसके पास मिग 23 था, लेकिन बाद में उसके पास मिग 29 हो गया. इस स्क्वाड्रन का उल्लेखनीय संचालन रिकाॅर्ड है.

राष्ट्रपति ने कहा कि यह स्क्वाड्रन उन कुछ स्क्वाड्रनों में है जो 365 दिन चौकस रहता है और उसका उद्देश्य वाक्य विजय अमोघ अस्त्र है. उधर, 117 हेलीकॉप्टर इकाई या हिमालयन ड्रैगन की स्थापना एक फरवरी 1971 को की गयी थी. उसने अपना शुरुआती अनुभव 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में हासिल किया था. वह 1983 में हाशीमारा गयी. इकाई जनवरी 1988 में सरसावा वायु स्टेशन पर तैनात रही. मानवीय सहायता और आपदा राहत मिशन से जुड़े अभियानों में इस इकाई ने नागरिकों की मदद के लिए अथक काम किया है.

यह कार्यक्रम आदमपुर वायुसेना स्टेशन पर आयोजित किया गया जो वायुसेना के सबसे पुराने अड्डों में एक है. यह 1947 से क्रियाशील है. शुरू में यह हवाई पट्टी थी. राष्ट्रपति ने कहा कि आज सम्मानित की जा रही दोनों इकाइयों का पेशेवर उत्कृष्टता का इतिहास रहा है. उन्होंने कहा, मैं शानदार रिकाॅर्ड और बेहतरीन संचालन के लिए परेड पर वायुयोद्धाओं को बधाई देता हूं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें