नयी दिल्ली : चुनाव प्रचार को लेकर विभिन्न पार्टियों द्वारा दिए जा रहे नारों को वर्चुअल वर्ल्ड में कुछ अलग ही अंदाज में पेश किया जा रहा है. कांग्रेस के कट्टर सोच नहीं, युवा जोश के नारे को लेकर आनलाइन एक स्पूफ (मजाक) तैयार किया गया है जिसमें कहा गया है कोई सोच नहीं ,खाली पीली का जोश.
डिजिटल वर्ल्ड में राजनीतिक दलों द्वारा एक दूसरे पर इस प्रकार के हास्यास्पद नारों के साथ जमकर हमला बोला जा रहा है और कोई भी दल किसी प्रकार के नियम कानूनों का पालन नहीं कर रहा है. हालांकि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही एक दूसरे के टीवी विज्ञापनों का स्पूफ बनाए जाने से इनकार करती हैं लेकिन इन्हें देखकर स्पष्ट हो जाता है कि यह प्रतिद्वंद्वी पार्टी का ही काम है.
भाजपा के आईटी सेल के राष्ट्रीय सह संयोजक विनीत गोयनका ने प्रेट्र को बताया, हमारी प्राथमिकता अपनी उपलब्धियों को दर्शाना है. तो ऐसे में जिस पार्टी के लिए सोशल मीडिया में सब कुछ सही चल रह है वह क्यों स्पूफ बनाकर अपनी साख को खराब करेगी? दरअसल, हमारा इस बारे में सख्त परामर्श है कि इस प्रकार की फिजूल चीजों में शामिल नहीं होना है.
लेकिन एक राजनीतिक दल की साइबर टीम के सदस्य ने कहा, स्पूफ प्रचार अभियान का ही हिस्सा हैं क्योंकि वे भले ही हास्यास्पद रुप से ही लेकिन संदेश को प्रसारित करने में सफल रहते हैं. वह कहते हैं, लेकिन ये स्पूफ अच्छी भावना के साथ होने चाहिए, अभद्र भाषा या घटियापन के साथ नहीं. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस के राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल आनलाइन स्पूफ का मुख्य निशाना हैं जो इन दिनों साइबर वर्ल्ड में बेहद चर्चित हो रहे हैं.
इसी प्रकार के कांग्रेस के एक नारे हर हाथ शक्ति, हर हाथ तरक्की को इंटरनेट पर हर हाथ लालीपाप, हर हाथ रेवडी के रुप में दिखाया गया है. इस पैरोडी में कांग्रेस को डानग्रेस पार्टी नाम दिया गया है और उसके नेता राहुल को एक छोटे बच्चे के रुप में दिखाया गया है जिसके हाथ में लालीपाप है.
एक अन्य टीवी विज्ञापन में मिस्टर गिरि को देश की तुलना एक पेड से करते दिखाया गया है. स्पूफ में गिरि की भूमिका में एक बाल कलाकार है जो कहता है कि देश एक पेड की तरह है जिसे सालों से लूटा जा रहा है. इसके बाद गिरि काहुल के हाथ से लालीपाप छीन लेते हैं और कांग्रेस की टैग लाइन हर हाथ शक्ति, हर हाथ तरक्की की जगह पर आता है हर हाथ हरी पत्ती, विकास को लाल बत्ती.
स्पूफ में भाजपा का भी मजाक बनाया गया है. इसी प्रकार के एक विज्ञापन में भाजपा नेतृत्व का परोक्ष जिक्र करते हुए दिखाया गया है कि एक बुजुर्ग व्यक्ति कह रहे हैं, कुछ भी ना सोचना, बस लंबी लंबी फेंकना, बस अपनी रोटी सेकना.
स्पूफ में भाजपा की टैगलाइन नई सोच, नई उम्मीद के स्थान पर ना ही सोच, ना ही उम्मीद पाजपा के रुप में पेश किया गया है. यह स्पूफ मोदी जैसे दिखने वाले एक व्यक्ति के साथ समाप्त होता है जो आरएसएस के ट्रेडमार्क वाला निक्कर पहने हुए चाकुओं की धार तेज कर रहा है.
भाजपा की एक अन्य टैग लाइन जनता माफ नहीं करेगी का भी मजाक बनाया गया है. इस मूल विज्ञापन में एक महिला कहती है, हमारी बेटियों को सुरक्षा न देने वालों, जनता माफ नहीं करेगी. लेकिन इसके स्पूफ में इसी प्रकार की महिला इतनी ही शिद्दत के साथ स्नूपगेट विवाद की आलोचना करते हुए कहती है, कोई साहिब है जिसके इशारे पर सिर्फ पुलिस ही नहीं एटीएस भी, यहां तक कि उस राज्य का गृह मंत्री भी हमारी बेटियों का पीछा करता है.
सबसे मजेदार स्पूफ आप नेता अरविंद केजरीवाल का है. सत्ता तक उनकी नाटकीय पहुंच को एक फिल्म के ट्रेलर के रुप में दिखाया गया है. आलोक नाथ बना एक अभिनेता केजरीवाल को गरीब दिखने के टिप्स सिखाता है. अभिनेता केजरीवाल जैसे दिखने वाले व्यक्ति को बताता है कि कैसे स्वेटर पहन कर, अपने चौकीदार से मफलर उधार मांगकर और नेहरु टोपी पहन कर मध्यम वर्ग का दिखा जा सकता है.