चंडीगढ़ : पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में सात वर्षीय छात्र प्रद्युम्न ठाकुर की हत्या के मामले में रेयान इंटरनेशनल समूह के सीईओ रेयान पिंटो और उनके अभिभावकों, संस्थापक अध्यक्ष अगस्टाइन पिंटो एवं प्रबंध निदेशक ग्रेस पिंटो को शनिवार को अंतरिम जमानत दे दी. अदालत ने मामले की जांच कर रही सीबीआइ को पांच दिसंबर को इस मामले में एक रिपोर्ट सौंपने के लिए भी कहा.
पिंटो परिवार की ओर से पेश संदीप कपूर के साथ मौजूद अर्शदीप सिंह चीमा ने कहा, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुरिंदर गुप्ता ने शनिवार को उन्हें (तीन ट्रस्टियों को) पांच दिसंबर तक जमानत दे दी. चीमा ने कहा कि अदालत ने उन्हें कहा कि जब भी सीबीआइ बुलाये वे जांच में शामिल हों. उन्होंने कहा, उच्च न्यायालय ने सीबीआइ को पांच दिसंबर को इस मामले में एक रिपोर्ट सौंपने के लिए भी कहा. उच्च न्यायालय ने 28 सितंबर को रेयान समूह के तीनों ट्रस्टी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. वे इस मामले में अग्रिम जमानत चाहते थे. रेयान पिंटो, और उनके अभिभावकों ने 16 सितंबर को उच्च न्यायालय का रुख कर इस मामले में अग्रिम जमानत दिये जाने की मांग की थी.
कक्षा दो का छात्र प्रद्युम्न ठाकुर आठ सितंबर को स्कूल के शौचालय में मृत मिला था। इस मामले में स्कूल की बस के कंडक्टर अशोक कुमार को गिरफ्तार किया गया था. बच्चे की हत्या को लेकर पूरे देश में रोष फैल गया था और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आरोप भी लगे थे. इससे पूर्व हरियाणा सरकार ने इस मामले में सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी और जांच एजेंसी ने 22 सितंबर को इस मामले को अपने हाथों में लिया था.
सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने कहा कि रेयान ग्रुप के प्रोस्पेक्टस व दस्तावेजों की जांच की तो पता चला कि रेयान पिंटो स्कूल का सीईओ है. ऐसे में उनको जमानत दी जाती है तो वह सुबूतों को नष्ट करने में अहम रोल अदा कर सकता है, इसलिए उसकी गिरफ्तारी और पूछताछ जरूरी है. सीबीआइ ने अपने जवाब में कहा कि प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी है की बच्चे की मौत मैनेजमेंट की लापरवाही के कारण हुई है. अगर इनको जामनत दी जाती हे तो यह मामले की जांच प्रभावित कर सकते हैं.
उधर, मामले में गिरफ्तार रेयान ग्रुप के उत्तरी क्षेत्रीय प्रमुख फ्रांसिस थॉमस व एचआर प्रमुख जे थामस की नियमित जमानत याचिका पर भी सुनवाई हुई. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने दोनों को नियमित जमानत दे दी. दोनों घटना के कुछ दिन बाद से ही पुलिस की गिरफ्त में हैं. पीड़ित पक्ष के वकील एस टेकरीवाल ने बताया कि सुनवाई के दौरान हाइकोर्ट ने आरोपियों को जांच में सहयोग देने का आदेश दिया है. थामस ने अपनी याचिका में कहा था कि मीडिया के दबाव और राजनेताओं की अति सक्रियता के कारण ऐसा माहौल बना दिया गया है कि जैसे हत्या के लिए सीधे वो जिम्मेदार हैं. इसी दबाव के कारण गुरुग्राम पुलिस ने 11 सितंबर को उनको गिरफ्तार कर लिया. पुलिस उन्हें बुरी तरह टार्चर कर रही है. थॉमस ने नियमित जमानत की मांग करते हुए कहा कि वो जांच दल को हर सहयोग देने के लिए तैयार हैं. हाइकोर्ट में सीबीआइ ने जमानत का विरोध किया. सभी पक्षों को सुनने के बाद शुक्रवार को हाइकोर्ट ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. उन्हें शनिवार को जमानत दे दी गयी है.