नयी दिल्ली: देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कमर कस ली है. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश की आतंरिक सुरक्षा को चाक-चौबंद करने और देश के 35 नक्सल प्रभावित जिलों के विकास, वहां के लोगों की सुरक्षा, महिला सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा के साथ देश के उत्तर-पूर्व के राज्यों के लिए अलग से अतिरिक्त योजना की मंजूरी दी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार ने अंब्रेला स्कीम को मंजूरी प्रदान किया है.
##WATCH Cabinet briefing by HM Rajnath Singh in Delhi https://t.co/BuB3l1Fme0
— ANI (@ANI) September 27, 2017
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कई अहम योजनाओं को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि 14 वित्त आयोग के अनुसार, आतंरिक सुरक्षा और राज्यों की पुलिस व्यवस्था को मजबूत और उन्नत करने का काम कुछ सालों से बंद था, उसे फिर शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्यों में पुलिस व्यवस्था को मजबूत और उन्नत करने के लिए राज्यों को केंद्र की ओर से पहले 32 फीसदी राशि प्रदान की जाती थी, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बढ़ाकर 42 फीसदी राशि कर दी गयी है. केंद्र की ओर से प्रदान की जाने वाली धनराशि से राज्यों में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ किया जायेगा.
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गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आतंरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक अंब्रेला स्कीम की मंजूर किया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राज्यों की पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अंब्रेला स्कीम के तहत आगामी तीन साल वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में तीन सालों के 25,060 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि इसमें से करीब 80 फीसदी केंद्र सरकार खर्च करेगी और 20 फीसदी राशि राज्य सरकारों को खर्च करना होगा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से मंजूर की गयी अंब्रेला स्कीम के तहत आंतरिक सुरक्षा, कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, सीमा सुरक्षा लॉजिस्टिक सपोर्ट, हायरिंग हेलिकॉप्टर, सीसीटीएनएस परियोजना आदि का प्रावधान किया है.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अंब्रेला स्कीम के तहत जम्मू-कश्मीर, उत्तर पूर्व और नक्सल प्रभावित राज्यों के लिए केंद्र की ओर से 1022 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है. उन्होंने कहा कि आंतरिक पुलिस को मजबूत करने के लिए केंद्र की ओर से अंब्रेला स्कीम के तहत कुल 11,300 करोड़ की मंजूरी दी गयी है. उन्होंने कहा कि देश में कुल 35 जिले नक्सलवाद या उग्रवाद से प्रभावित है, जिसे एलडब्ल्यूई प्रभावित जिला कहा जाता है. उन्होंने कहा कि इन 35 जिलों में विकास कार्य कराने के लिए 3000 करोड़ रुपये का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि इस राशि से नक्सल प्रभावित क्षेत्र में छोटे-छोटे विकास कार्य कराये जायेंगे.
इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर-पूर्व के राज्यों के लिए केंद्र सरकार की ओर से 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि इसमें गृह मंत्री को उत्तर पूर्व के राज्यों में योजनाओं को लागू कराने का अधिकार दिया गया है.
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से उत्तर पूर्व के राज्यों के विकास के लिए अलग से अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को उन्नत करने के लिए सरकार की ओर से चार अहम कदम उठाये गये हैं. इसके लिए सरकार की ओर से करीब 988 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके तहत सरकार की ओर से गांधी नगर में प्रयोगशाला, अमरावती में राज्य विधि विज्ञानशाला आदि खोले जायेंगे. इसके साथ ही 17 पहले की छोटी-छोटी योजनाओं को अंब्रेला स्कीम तहत लाकर मंजूरी प्रदान की गयी है, ताकि आंतरिक सुरक्षा का मजबूत किया जा सके.
उन्होंने कहा कि यह स्कीम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पहले की तुलना में केंद्र सरकार इसके जरिये ढाई गुणा अधिक धन देगी. उन्होंने कहा कि इस स्कीम की खास बात यह है कि केंद्र सरकार नक्सल प्रभावित 35 जिलों में छोटे-छोटे कामों पर 100 फीसदी राशि खर्च करेगी. उन्होंने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा को सरकार मजबूत करने के प्रयास में यह कदम उठाया गया है.