चंडीगढ़ : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने बलात्कार मामले में दोषी करार दिए जाने के फैसले को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. राम रहीम के वकील ने यह जानकारी दी. वकील ने बताया कि राम रहीम को दोषी करार दिये जाने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी है.
गौरतलब हो कि डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को बलात्कार के दो मामलों में विशेष सीबीआई अदालत ने 10-10 साल की सजा सुनायी. दोनों मामलों को मिलकार डेरा प्रमुख को 20 साल जेल की सजा काटनी है. क्योंकि दोनो सजाएं एक के बाद एक चलेंगी. राम रहीम सिंह पर दोनों मामले में 15-15 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. इनमें से 14-14 लाख रुपये की राशि दोनों पीड़िताओं को दी जायेगी जो इसी पंथ से जुड़ी हुई थीं.
* क्या है मामला
मई 2002 में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पर दो साध्वियों (महिला अनुयायी) ने यौन शोषण का आरोप लगाया. साध्वियों ने एक गुमनाम पत्र प्रधानमंत्री को भेजा, जिसकी एक कॉपी पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी भेजी. इस बीच, 10 जुलाई, 2002 को डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे रणजीत सिंह की हत्या हो गयी. डेरे को शक था कि रणजीत ने अपनी बहन से वह पत्र प्रधानमंत्री को लिखवाया है.
रणजीत की बहन डेरे में साध्वी थी. 24 सितंबर, 2002 को हाइकोर्ट ने साध्वी यौन शोषण मामले में गुमनाम पत्र पर संज्ञान लेते हुए आरोपों की सीबीआइ जांच के आदेश दिये. 2007 में सीबीआइ ने हत्या मामलों और साध्वी यौन शोषण मामले में जांच पूरी कर न्यायालय में चालान दाखिल किया. सीबीआइ ने तीनों मामलों में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को मुख्य आरोपी बनाया है.