उमाभारती ने कैबिनेट से अपनी विदाई के सवाल पर मीडिया को टका-सा जवाब देने के बाद ट्विटर पर भी इस संबंध में लिखा. उन्होंने लिखा – कल से चल रही मेरे इस्तीफे के खबरों पर मीडिया ने प्रतिक्रिया पूछी. इसपे मैंने कहा कि मैंने ये सवाल सुना ही नहीं, न सुनूँगी, न जवाब दूंगी. उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा – इस बारे में या तो राष्ट्रीय अध्यक्ष यावे जिसको नामित करें, वही बोल सकते हैं. मेरा इस पर बोलने का अधिकार नहीं है.
कल से चल रही मेरे इस्तीफे के खबरों पर मीडिया ने प्रतिक्रिया पूछी। इसपे मैंने कहा कि मैंने ये सवाल सुना ही नहीं, न सुनूँगी, न जवाब दूंगी। /1
— Uma Bharti (@umasribharti) September 1, 2017
इस बारे में या तो राष्ट्रीय अध्यक्ष जी @AmitShah या अध्यक्ष जी जिसको नामित करे, वही बोल सकते है। मेरा इसपर बोलने का अधिकार नही है। /2
— Uma Bharti (@umasribharti) September 1, 2017
03.15 PM:तीन सिंतबर को दिन केदस बजे सुबह शपथ ग्रहण होगा. इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जायेंगे.
03.10 PM: फग्गन सिंह कुलस्ते ने अपने इस्तीफे के सवाल पर कहा कि वे पार्टी के एक जिम्मेवार सदस्य हैं और पार्टी के फैसले के साथ बने रहेंगे.
Being a responsible member of party, I'll abide by party's decision: Faggan Singh Kulaste, MoS for Health&Family Welfare on his resignation pic.twitter.com/yUVa9QTbAO
— ANI (@ANI) September 1, 2017
03.00 PM:तीन सितंबर को कैबिनेट का विस्तार होगा. आधिकारिक सूत्रों के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआइ ने यह खबर दी है.
Union Cabinet re-shuffle, expansion & swearing-in ceremony of newly inducted ministers on 3rd Sept: Official Sources pic.twitter.com/9XyQWL9rE1
— ANI (@ANI) September 1, 2017
02.00 PM: जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने अपने इस्तीफे के सवाल पर कहा कि मैंने ये सवाल सुना ही नहीं, इस संबंध में कुछ नहीं कहना.
Maine ye sawaal suna hi nahi; iss sambandh mein kuch nahin kehna: Uma Bharti on reports of her resignation from Cabinet pic.twitter.com/cMtyZSuTt4
— ANI (@ANI) September 1, 2017
01.00 PM: सूत्रों का कहना है कि रेल मंत्रालय छोड़ने की इच्छा जता चुके सुरेश प्रभु को सरकार पर्यावरण मंत्रालय भेज सकती है. वहीं, कलराज मिश्र को बिहार का गर्वनर बनाये जाने की चर्चा पहले से है.
12.45PM: केंद्रीय मंत्री महेंद्र पार्टी ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्हें कल उत्तरप्रदेश भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दिया है.
Union Minister Mahendra Nath Pandey resigned from his post after he was named Uttar Pradesh BJP President yesterday pic.twitter.com/JzsMKwbMSg
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 1, 2017
12.21 PM : इस्तीफे पर संजीव बलियान ने भी बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस्तीफा मांगा गया, मैंने दे दिया. उन्होंने कहा कि अब सारा समय वे पश्चिमी उत्तरप्रदेश में पार्टी के प्रचार में देंगे.
Isteefa maanga gaya, maine de diya. Ab saara samay Pashchimi UP mein party ka prachaar karunga: Sanjeev Balyan on resignation from Cabinet
— ANI (@ANI) September 1, 2017
Union Minister Mahendra Nath Pandey resigned from his post after he was named Uttar Pradesh BJP President yesterday pic.twitter.com/JzsMKwbMSg
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 1, 2017
Isteefa maanga gaya, maine de diya. Ab saara samay Pashchimi UP mein party ka prachaar karunga: Sanjeev Balyan on resignation from Cabinet
— ANI (@ANI) September 1, 2017
11.35 AM : संजीव बलियान ने भी राज में ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
11.30 AM : अपने इस्तीफे पर शुक्रवार सुबह राजीव प्रताप रूडी ने मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि पार्टी का निर्णय हुआ कि आप अपना इस्तीफा दें, यह बिल्कुल सामान्य है. उन्होंने कहा कि सरकार में काम करने का मौका मिला, आगे भी पार्टी में काम करने का मौका मिले बस इसी अभियान के साथ चलते हैं.
Party ka nirnaye hua ki aap apna isteefa dein, ye bilkul samanya hai: Rajiv Pratap Rudy on resignation from Union Cabinet pic.twitter.com/pAfiASre9h
— ANI (@ANI) September 1, 2017
केंद्रीय कैबिनेट में तीन सितंबर को फेरबदल और इसका विस्तार होगा. हालांकि इसके लिए गुरुवार से कवायद शुरू हो गयी थी. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अरुण जेटली सहित आठ मंत्रियों को अलग-अलग बुलाकर बात की. फिर देर शाम अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. अभी तक प्राप्त जानकारी के मुताबिक उमा भारती, कलराज मिश्र, संजीव बाल्यान, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमन, फग्गन सिंह कुलस्ते, सामाजिक न्याय वअधिकारिता मंत्री विजय सांपला और चौधरीवीरेंद्रसिंह ने प्रधानमंत्री के समक्ष इस्तीफे की पेशकश की. वहीं, कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने इस्तीफा दे दिया है और उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु पहले ही इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं और यह विषय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचाराधीन है. इस्तीफे की पेशकश करने वाले में ऐसे मंत्री भी शामिल हैं, जो तेजतर्रार माने जातेहैं और लंबे समय से पार्टी का चेहराहैं.संभावना है कि कैबिनेट से बाहर किये गये चेहरों कोसंगठनमें जगह दी जायेगी. वहीं, कलराज मिश्र को राज्यपाल बनाये जाने की भी संभावना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसा फैसला क्यों लिया. पढ़िए रिपोर्ट:
राजीव प्रताप रूडी : कौशल विकास राज्य मंत्री की कुर्सी संभाल रहे राजीव प्रताप रूडी के कल अपने इस्तीफे के साथ मीडिया में दो सप्ताह से चल रहे कयासों को सच साबित कर दिया. हालांकि उनके जाने को लेकर तमाम तरह के कारण बताये जा रहे हैं. पार्टी उन्हें संगठन का काम दे सकती है. अंदरखाने से आ रही खबर के मुताबिक राजीव प्रताप रूड़ी के प्रदर्शन से प्रधानमंत्री नाराज चल रहे थे. इस बात की जानकारी उन्हें दे दी गयी थी. प्रधानमंत्री ने उन्हें स्किल डेवलेपमेंट मिनिस्ट्री सौंपी थी.
नरेंद्र मोदी चुनाव से पहले ही स्किल डेवलेपमेंट को अपनी प्राथमिकता बता चुके हैं. स्किल डेवलेपमेंट के काम में तेजी लाने के लिए सरकार ने एक अलग से मंत्रालय बनाया और उसकी कमान रूडी को सौंपा. राजीव प्रताप रूडी अच्छे वक्ता माने जाते हैं. अकसर टीवी डिबेट में दिख जाते हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्रालय संभाल चुके हैं लेकिन कौशल विकास में उनका काम जमीन पर नहीं दिख रहा था.
निर्मला सीतारमन : तमिलनाडु से आने वाली निर्मला सीतारमन मौजूदा सरकार में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय संभाल रही थीं. जेएनयू से पढ़ाई कर चुकी निर्मला सीतारमन को अर्थशास्त्र की अच्छी जानकारी है. पिछली बार कैबिनेट फेरबदल के दौरान भी उन्हें हटाने की खबर आ रही थी. उनके कार्यकाल में निर्यात शुरुआती सालों में गिरता गया. इस बात को लेकर प्रधानमंत्री चिंतित थे. निर्मला सीतारमन भी राजीव प्रताप रूडी की तरह पार्टी की प्रवक्ता थीं. वाणिज्य और उद्योग दोनों अहम विभाग इनके पास था. जिसका सीधा संबंध रोजगार और अर्थव्यवस्था से है. अब इस अहम पोर्टफोलियों में निर्मला सीतारमन की जगह किन्हें लाया जाता है, इसकी घोषणा जल्द होगी.
उमा भारती : वरिष्ठता व पार्टी में लंबे समय तक जुड़ाव की वजह से उमा भारती को जल संसाधन व गंगा सफाई का मंत्रालय दिया गया था लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद उनके पास अपने कामकाज को लेकर दिखाने को कुछ खास नहीं है. कल उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर प्रधानमंत्री को इस्तीफे की पेशकश की.
चौधरी वीरेंद्र सिंह : कांग्रेस से भाजपा में आये चौधरी वीरेंद्र सिंह पहले केंद्र में पहले ग्रामीण विकास मंत्रालय को संभाला लेकिन यहां भी वह कोई छाप छोड़ नहीं पाये. फिर उन्हें स्टील मंत्रालय दिया गया लेकिन अपने काम के प्रति अरुचि को देखते हुए, सरकार ने उन्हें हटाने का फैसला लिया.
गिरिराज सिंह : केंद्र में गिरिराज सिंह को सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री हैं. बिहार चुनाव से ठीक पहले कैबिनेट में शामिल हुए गिरिराज सिंह अकसर अपने बयानों को लेकर विवादों में आ जाते हैं. अंदरखाने से आ रही खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री उनके कामकाज से खुश नहीं हैं. वहीं कई लोगों का तर्क है कि गिरिराज सिंह को कैबिनेट में जातीय समीकरण को साधने के लिएशामिल किया गया था. उनसे कोई बहुत ज्यादा उम्मीद भी नहीं की गयी थी.
संजीव बलियान : केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री संजीव बालियान भी अपने बयानों से पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर देते हैं. देश में जब कृषि संकट चल रहा हो ऐसे वक्त में सरकार किसी तरह का जोखिम मोल नहीं लेना चाहती है. उनके जगह किसे तैनात किया जाता है. यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जायेगा.
फग्गन सिंह कुलस्ते : फग्गन सिंह कुलस्ते को भी बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है. बताया जा रहा है कि वह संगठन व सरकार के कार्यक्रमों से नदारद दिखते हैं. उनकेढीले – ढाले रवैये से प्रधानमंत्री नाराज चल रहे थे.