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लालू के बेटे तेजस्वी और अन्य लोगों से बंद कमरे में पूछताछ कर रही है CBI, जदयू ने मामले से किया किनारा

नयी दिल्ली, रांची : आज साल के सातवें महीने की सातवीं तारीख को सुबह सात बजे सीबीआइ ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. आज उनके लिए दोहरी मुसीबत का दिन रहा. चारा घोटाला मामले में वह फंसे ही थे, सीबीआइ ने राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख के पटना, रांची, पुरी, गुरुग्राम और दिल्ली […]

नयी दिल्ली, रांची : आज साल के सातवें महीने की सातवीं तारीख को सुबह सात बजे सीबीआइ ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. आज उनके लिए दोहरी मुसीबत का दिन रहा. चारा घोटाला मामले में वह फंसे ही थे, सीबीआइ ने राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख के पटना, रांची, पुरी, गुरुग्राम और दिल्ली समेत 12 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर लालू प्रसाद की मुश्किलें बढ़ा दीं. पटना स्थित राबड़ी देवी के आवास पर सीबीआइ की टीम लालू के बेटे तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों से बंद कमरे में पूछताछ कर रही है.

लालू के एक दर्जन ठिकानों पर केंद्रीय एजेंसी के छापों के बाद भारतीय जनता पार्टी ने लालू प्रसाद यादव पर हमले तेज कर दिये. भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर इस बात का दबाव भी बनाना शुरू कर दिया कि वह तेजप्रपात और तेजस्वी यादव को अपने मंत्रिमंडल से बरखास्त करें. लालू प्रसाद की पार्टी राजद ने सरकार पर बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया, तो लालू के सहयोग से बिहार की सत्ता चला रही जनता दल यूनाइटेड के नेताअों ने एक तरह से इस मामले से किनारा कर लिया है. जदयू के किसी प्रवक्ता ने अब तक इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया. सभी प्रवक्ताअों ने अपने मोबाइल स्विचअॉफ कर लिये हैं.

दूसरी तरफ, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने लालू प्रसाद पर हुई कार्रवाई को लेकर भाजपा पर हमला किया. सुरजेवाला ने कहा कि मामला वर्ष 2004 से चल रहा है. इस मामले में भाजपा 13 साल से चुप क्यों थी. वह 3 साल से केंद्र में सरकार चला रही है. इस मामले में भाजपा सरकार अब तक मौन क्यों थी.

लालू प्रसाद और उनके परिवार के ठिकानों पर एक साथ पांच राज्यों में की गयी छापेमारी की कार्रवाई के बाद बिहार और झारखंड में अलर्ट जारी कर दिया गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में अधिकारियों की एक बैठक की. पुलिस मुख्यालय को कहा गया कि सभी जिलों के एसपी को अलर्ट पर रहने के लिए कहें. इसके बाद सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया. कहा गया कि वे पल-पल की घटना पर बारीक नजर रखें.

सूत्रों के मुताबिक, सरकार को आशंका है कि लालू प्रसाद पर सीबीआइ के एक्शन से उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ता आक्रोश में हैं. ऐसे में कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है. वे सड़कों पर भी उतर सकते हैं. पुलिस मुख्यालय से जारी हिदायत के बाद राबड़ी देवी और मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा भी बढ़ा दी गयी.

सीबीआइ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि होटलों के रख-रखाव के लिए निविदाएं देने में कथित अनियमितताओं के मामले में यह कार्रवाई की गयी है. सीबीआइ सूत्रों ने बताया कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बिहार के उपमुख्यमंत्री और उनके बेटे तेजस्वी यादव, आइआरसीटीसी के तत्कालीन एमडी पीके गोयल, लालू प्रसाद के विश्वासपात्र और काॅरपोरेट मामलों के भूतपूर्व मंत्री प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता, सुजाता होटल्स के प्रमुख विजय कोचर और विनय कोचर के खिलाफ शुरुअाती जांच के बाद 5 जुलाई को मुकदमा दर्ज किया गया था. इसी मामले में आज की कार्रवाई की गयी है. इन सभी के खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 120बी, सेक्शन 13 और 131बी के तहत दर्ज की गयी है.

सीबीआइ ने बताया कि वर्ष 2006 में रांची और पुरी के बीएनआर होटलों के विकास, रख-रखाव और संचालन के लिए निविदाओं में कथित अनियमितता पाये जाने के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. ये होटल पहले आइआरसीटीसी को ट्रांसफर किये गये और बाद में इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी सुजाता होटल्स को दी गयी. सीबीआइ ने कहा कि सुजाता होटल्स को ठेका देने में लालू प्रसाद की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हुई. बीएनआर होटल रेलवे के हेरिटेज होटल हैं, जिन्हें उसी साल (वर्ष 2006 में) आइआरसीटीसी ने अपने नियंत्रण में ले लिया था.

मुश्किल में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, तीन धाराओं में चलेगा मुकदमा

शुक्रवार सुबह-सुबह सात बजे पांच गाड़ियों में 25-30 सीबीआइ के अधिकारी पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी के घर पहुंचे. अधिकारियों ने राबड़ी और उनके बेटों से पूछताछ करनी शुरू कर दी. लालू प्रसाद यादव से रांची में पूछताछ की जा रही है. लालू प्रसाद के खिलाफ सीबीआइ की विशेष अदालत में चारा घोटाला मामले की सुनवाई हो रही है. दैनिक सुनवाई के दौरान लालू को हर दिन कोर्ट में पेश होना पड़ता है. इसलिए वह इन दिनों रांची में ही हैं.

लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इसे ‘बदले की कार्रवाई’ और ‘विरोधियों को ठिकाना लगाने की राजनीति’ करार दिया है. नयी दिल्ली में राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी नये गंठबंधन के सहयोग से 2019 का आम चुनाव जीतना चाहती है. वो नया सहयोगी है सीबीआइ. सरकार सीबीआइ का इस्तेमाल करके विरोधियों को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन राजद उसके आगे घुटने नहीं टेकेगा.

वहीं, केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने लालू और उनके परिवार के खिलाफ छापों पर कहा कि सीबीआइ अपना काम कर रही है. जांच एजेंसी कानून में उसे मिले अधिकारों के अनुसार काम कर रही है. सरकार और भाजपा की लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार पर सीबीआई के छापों में कोई भूमिका नहीं है.

बोले लालू, जब छापिये दिये हैं, तो क्या पूछते हैं

ज्ञात हो कि 16 मई को भी लालू यादव के दिल्ली-गुरुग्राम समेत 22 ठिकानों पर सीबीआइ ने छापेमारी की थी. ये छापेमारी भी जमीन सौदों को लेकर ही की गयी थी. आरोप है कि 1,000 करोड़ रुपये की बेनामी जमीन का सौदा किया गया.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि बिहार भाजपा के नेता सुशील मोदी ने लालू प्रसाद पर अनैतिक तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप पिछले दिनों लगाया था. उन्होंने कहा था कि रेलवे के एक खलासी हृदयानंद चौधरी ने नौकरी के बदले लालू प्रसाद की बेटी हेमा यादव को अपनी 70 लाख रुपये मूल्य की जमीन गिफ्ट कर दी.

लालू प्रसाद पर यह भी आरोप है कि कांति सिंह की जमीन हथियाने के बाद उन्हें मंत्री बनाया गया. सुशील मोदी ने कहा कि मंत्री बनने के बाद कांति ने पटना बाइपास पर स्थित करोड़ों की अपनी प्राॅपर्टी लालू प्रसाद के परिवार के नाम कर दी. इसी तरह रघुनाथ झा ने भी मंत्री बनाने के एवज में करोड़ों का बंगला और जमीन लालू के परिवार के सदस्य के नाम कर दिया.

लालू की बेटी मीसा यादव और उनके पति पर फर्जी कंपनियों के सहारे अनैतिक रूप से करोड़ों रुपये की कमाई की. इस मामले में उनकी मदद करनेवाले दिल्ली के एक चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेश अग्रवाल को जेल भेज दिया गया है.

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