नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली के एक व्यापारी द्वारा उससे अलग रह रही उसकी पत्नी और दो बच्चों को दिया जाने वाला अंतरिम गुजारा भत्ता 15 हजार से बढाकर 21 हजार रुपए प्रतिमाह कर दिया है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अतुल कुमार गर्ग ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश में संशोधन किया और उसकी दुकान का फोटो देखकर कहा कि वह जरुर ही कपडे के अपने कारोबार से 40-50 हजार रुपए प्रतिमाह कमा रहा होगा.मजिस्ट्रेट अदालत ने व्यापारी को अपनी पत्नी और दो नाबालिग बेटों को 5-5 हजार रुपए प्रतिमाह देने का निर्देश दिया था. सत्र अदालत ने उसे बढाकर 7-7 हजार कर दिया. महिला अपने दो बच्चों के साथ अलग रह रही है.
सत्र अदालत ने मजिस्ट्रेट को गुजारा भत्ता संबंधी मुख्य याचिका पर तेजी से सुनवाई करने और छह माह में उसका निस्तारण करने का निर्देश दिया.यह महिला और उसके दो बच्चे (13 साल और सात साल के) सरायरोहिल्ला में रहते हैं तथा व्यापारी बापा नगर में रहता है.महिला ने यह दावा करते हुए सत्र अदालत से संपर्क किया था कि उसका पति कपडा विनिर्माण कारोबार से प्रतिमाह दो लाख रुपए कमा रहा है और 5 हजार रुपए मुआवजा अपर्याप्त है.उसका आरोप है कि उसके पति तथा ससुराल वाले शादी के बाद से ही उसके साथ मारपीट करते रहे तथा किसी परायी महिला के खातिर उसके पति ने उसे छोड दिया है.