7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ठंड में ऐसे रखें त्वचा का ख्याल

ठंड में वातावरण में नमी की कमी से त्वचा शुष्क हो जाती है. इस कारण त्वचा के कई रोग उभरते हैं. इनमें स्केबीज (कलकल) मुख्य है, जो अतिसूक्ष्म कीड़े की वजह से होता है. वैसे तो यह उपचार से जल्द ठीक हो जाता है, लेकिन रोग की पहचान न होने से चिंता का कारण बनता […]

ठंड में वातावरण में नमी की कमी से त्वचा शुष्क हो जाती है. इस कारण त्वचा के कई रोग उभरते हैं. इनमें स्केबीज (कलकल) मुख्य है, जो अतिसूक्ष्म कीड़े की वजह से होता है. वैसे तो यह उपचार से जल्द ठीक हो जाता है, लेकिन रोग की पहचान न होने से चिंता का कारण बनता है, जबकि बच्चों और मधुमेह रोगियों के लिए यह बेहद खतरनाक है. इस मौसम में होनेवाली त्वचा संबंधी तमाम समस्याओं व उनके निदान की पूरी जानकारी दे रहे हैं दिल्ली और पटना के विशेषज्ञ.

क्यों होता है स्केबीज

– ज्यादा दिन तक नहीं नहाने से त्नस्केबीज से ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने से.त्नमरीज या उसके इस्तेमाल की गयी चीजों को छूने से.त्नकपड़े शेयर करने से. त्नभीड़-भाड़ भरे इलाके में रहने पर यह बीमारी जल्दी चपेट में लेती है.

लक्षण : इस रोग का प्रमुख लक्षण है, रात के समय तेज खुजली होना. इसके अलावा निम्न लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं-

– शरीर के विभिन्न हिस्सों पर छोटे-छोटे दाने होना.

– उंगलियों और अंगूठे के बीच दाने होना और खुजली होना

रूखी त्वचा होने पर अपनाएं ये तरीके

– ठंडे पानी या अधिक गरम पानी के बजाय गुनगुने पानी में नहाएं.

– जैतून, तिल या नारियल के तेल की मालिश करें.

– हल्दी मिले तेल की मालिश करें.

– साबुन का इस्तेमाल कम-से-कम करें,

ग्लिसरीन युक्त साबुन का इस्तेमाल करना

लाभदायक.

– प्रतिदिन कपड़े बदलें.

– त्वचा के लिए मॉश्च्यूराइजर आदि का प्रयोग करते रहें.

डॉ शहला अग्रवाल

वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ

महक स्किन क्लिनिक

नयी दिल्ली : स्केबीज एक संक्रामक रोग है. सर्दी के मौसम में अक्सर लोग नहाने से बचते हैं. तीन-चार दिन तक नहीं नहाने से व्यक्ति स्केबीज की चपेट में आ जाता है. लगातार नहीं नहाने से शरीर में कीटाणु जमा हो जाते हैं और इससे खुजली होती है. ऐसे में यदि वे किसी दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आते हैं या उनके कपड़े, चादर या रजाई कोई अन्य व्यक्ति इस्तेमाल करता है, तो ये कीटाणु उन्हें भी संक्रमित कर देते हैं. आमतौर पर इस रोग में खुजली रात के समय होती है. इसमें विशेष कर उंगलियों के बीच, कोहनी, पेट और गुप्तांगों के पास छोटे-छोटे दाने बन जाते हैं, जिनमें पानी भरा रहता है.

समय पर कराएं इलाज

स्केबीज के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. नियमित रूप से दवाई के सेवन से दो सप्ताह के अंदर यह ठीक हो जाता है. सेल्फ मेडिकेशन का प्रयोग बिल्कुल न करें. स्केबीज होने के बाद अपना सामान किसी से शेयर न करें. नियमित रूप से नहाएं और नियमित रूप से कपड़े बदलें. साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. इस्तेमाल किये गये कपड़ों को प्रतिदिन धूप में सुखाएं.

क्यों हो जाती है त्वचा रूखी

ठंड के मौसम में तापमान गिरने और वातावरण में शुष्कता बढ़ने से त्वचा भी शुष्क हो जाती है. तापमान में गिरावट के साथ ही शरीर की कोशिकाएं भी सिकुड़ने लगती हैं. इसी कारणवश त्वचा फट जाती है. त्वचा में तेल का स्नव कम होने से भी यह समस्या हो जाती है.

ठंड में अन्य त्वचा रोग

रेनॉल्ड्स फिनामिना : इस रोग में नसों में खून की सप्लाइ बाधित हो जाती है और त्वचा नीली पड़ जाती है. यह समस्या बुजुर्गो में अधिक होती है.

स्किन टैनिंग : ठंड में धूप अच्छी लगती है और इससे विटामिन डी भी मिलती है लेकिन देर तक धूप सेंकने से स्किन टैनिंग हो सकती है. इसमें त्वचा बदरंग हो जाती है. त्वचा पर लाल दाने भी निकल जाते हैं.

कोल्ड आर्टिकेरिया : इसे पित्ती भी कहते हैं. यह समस्या अक्सर ठंड से गरम और गरम से ठंड में अचानक जाने से होती है. इससे त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ता है.

पेनीकुलाइटिस : शरीर में फैट जमा होने से त्वचा लाल होकर खुजली होती है. खुजलाने से घाव हो सकते हैं. इसे पेनीकुलाइटिस कहते हैं. ज्यादा देर पानी में काम करने से उंगलियां सिकुड़ जाती हैं और उनमें रक्त का संचार ठीक से नहीं हो पाता. इससे सूजन हो जाती है.

सोरायसिस : सोरायसिस शरीर पर घाव नुमा चकत्ते की समस्या है. इनमें खुजली होती है और इससे रूसी के समान त्वचा उतरती है. ठंड में यह बढ़ता है. यह इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी से होता है. बगैर डॉक्टर की सलाह के सोरायसिस की दवा का प्रयोग नहीं करना चाहिए. यह सिर, घुटने, कुहनियों आदि पर हो

जाता है.

बातचीत व आलेख : कुलदीप तोमर, दिल्ली

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें