स्वतंत्र एजेंसी नेशनल साइंस फाउंडेशन (National Science Foundation) ने गुरुवार को अपने ट्विटर पर आकाशगंगा की तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया है कि हमारी आकाशगंगा के बीचो-बीच एक विशाल ब्लैक होल है. हालांकि, ब्लैक होल की यह पहली तस्वीर नहीं है. इससे पहले इसी समूह ने 2019 में एक ब्लैक होल की तस्वीर को जारी किया था और यह 53 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर एक आकाशगंगा में मौजूद था.
सभी आकाश गंगाओं के केंद्र में है एक विशाल ब्लैक होल
खगोलविदों का मनना है कि अंतरिक्ष में मौजद सभी आकाश गंगाओं के केंद्र में अंगूठी की तरह आकृति का एक विशाल ब्लैक होल है. वहीं, खगोलविदों ने कहा कि वे धरती से लगभग 27000 प्रकाशवर्ष दूर स्थित इस ब्लैक होल को लेकर काफी उत्सुक हैं।
अंगूठी की तरह दिखती है ब्लैक होल
टक्सन में यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के एस्ट्रोफिजिस्ट फेरियल ओजेल ने जानकारी देते हुए कहा कि यह छवि ब्लैक होल के चारो तरफ एक चमकती हुई अंगूठी की तरह है. इस ब्लैक होल को धनु A कहा जाता है.
सूर्य की तुलना में 40 लाख गुना विशाल है ब्लैक होल
टक्सन में यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के एस्ट्रोफिजिस्ट फेरियल ओजेल ने बताया कि यह ब्लैक होल धनु और स्कॉर्पियस नक्षत्रों की सीमा के करीब है. आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद ब्लैक होल हमारे सूर्य की तलुना में 4 मिलियन यानि 40 लाख गुना अधिक विशाल है.
क्या है ब्लैक होल?
वैज्ञानिकों के अनुसार जब कोई विशाल तारा अपने अंत की ओर पहुंचता है तो वह अपने ही भीतर सिमटने लगता है. धीरे-धीरे वह भारी भरकम ब्लैक होल बन जाता है और फिर उसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति इतनी बढ़ जाती है कि उसके प्रभाव क्षेत्र में आने वाला हर ग्रह उसकी ओर खिंचकर अंदर चला जाता है. आइंस्टाइन बता चुके हैं कि किसी भी चीज़ का गुरुत्वाकर्षण स्पेस को उसके आसपास लपेट देता है और उसे कर्व जैसा आकार दे देता है. हालांकि, कई वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल की परिभाषा अगल-अगल दी है.