Chandra Grahan 2023 Date and Time in India LIVE Updates: साल 2023 का पहला चंद्रग्रहण आज, 5 मई शुक्रवार को बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगा है. चंद्र ग्रहण आज रात्रि 8:45 बजे शुरू हुआ जो उपछाया चंद्र ग्रहण है और ग्रहण देर रात 1 बजे समाप्त होगा. ये 4 घंटे 15 मिनट लंबा चंद्र ग्रहण होगा. भारत के नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और पुणे कुछ ऐसे शहर हैं जहां इस चंद्र ग्रहण को आंशिक रूप से देखा जा सकेगा. चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें, क्या नहीं, किन बातों का ध्यान रखें. जानें साल के पहले चंद्रग्रहण से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें.
चंद्र ग्रहण की शुरुआत आठ बजकर 44 मिनट से हो जाएगी, यह रात में 10 बजकर 52 मिनट पर अपने पीक पर होगा. यह चंद्र ग्रहण परमग्रास काल होगा. इसके बाद इसका प्रभाव घटने लगेगा. वहीं, यह 06 मई को रात एक बजकर दो मिनट पर खत्म हो जाएगा.
पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार
चंद्र ग्रहण शुरू: रात्रि 8:45 बजे जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण समाप्त: यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर.
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर.
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे.
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
TimeandDate.com के अनुसार चंद्र ग्रहण के कम से कम कुछ हिस्से दक्षिण/पूर्वी यूरोप, एशिया के अधिकांश हिस्से, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर और अंटार्कटिका में दिखाई देंगे. TimeandDate.com के अनुसार भारत के कुछ हिस्सों में भी चंद्र ग्रहण दिखाई देगा.
चंद्र ग्रहण दिखे या न दिखे लेकिन इसके कारण तमाम राशियों पर प्रभाव पड़ता है. मान्यता है कि यदि चंद्र ग्रहण वाले दिन चंद्रमा के मंत्र ‘ॐ सों सोमाय नमः’ अथवा भगवान शिव के मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ का जप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए. इससे अशुभ प्रभाव खत्म होते हैं.
चंद्र ग्रहण के दौरान खाने से परहेज करना चाहिए.
ग्रहण के कारण रखा हुआ भोजन विष के समान हो जाता है, जिसे यदि आप ग्रहण करते हैं तो आपको कई स्वास्थ्य दिक्कतें हो सकती हैं.
जो महिलाएं गर्भवती हैं, उन्हें ग्रहण के दौरान भूलकर भी घर के बाहर नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि ग्रहण का पेट में जन्म ले रहे बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है.
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए.
चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट बंद रखें. पूजा-पाठ की चीजों को स्पर्श न करें.
मेष राशि – मेष राशि वालों को परिवार को लेकर कोई चिंता रह सकती है. घर में लड़ाई-झगड़े जैसा माहौल बन सकता है.
वृषभ राशि – वृषभ राशि वालों को स्वास्थ्य से जुड़ी कोई परेशानी हो सकती है. परेशान रहेंगे.
मिथुन राशि – मिथुन राशि वालों को कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी लेकिन सतर्क रहें. समस्या आसानी से हल हो जाएगी.
तुला राशि – तुला राशि वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है. कोई दुर्घटना भी हो सकती है सावधान रहें.
धनु राशि – धनु राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण से लाभ की स्थिति बन रही है. धनु राशि वाले लोगों को आर्थिक लाभ हो सकता है. अटका हुआ काम पूरा हो सकता है.
कुंभ राशि – कुंभ राशि वालों को अपने माता-पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है. ग्रहण के कारण उनका स्वास्थ्य बिगड़ने की संभावना है. ग्रह स्थितियां आपके पक्ष में नहीं है. यात्रा टालें.
पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार
चंद्र ग्रहण शुरू: रात्रि 8:45 बजे जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण समाप्त: यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर.
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर.
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे.
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
चंद्र ग्रहण के दौरान खाने से परहेज करना चाहिए.
ग्रहण के कारण रखा हुआ भोजन विष के समान हो जाता है, जिसे यदि आप ग्रहण करते हैं तो आपको कई स्वास्थ्य दिक्कतें हो सकती हैं.
जो महिलाएं गर्भवती हैं, उन्हें ग्रहण के दौरान भूलकर भी घर के बाहर नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि ग्रहण का पेट में जन्म ले रहे बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है.
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए.
चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट बंद रखें. पूजा-पाठ की चीजों को स्पर्श न करें.
पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार
चंद्र ग्रहण शुरू: रात्रि 8:45 बजे जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण समाप्त: यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर.
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर.
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे.
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
चंद्र ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणों का इंसानों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में, ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए. यदि संभव को तो नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगा जल भी मिला कर स्नान करें.
ग्रहण की समाप्ति के बाद पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करें. साथ ही घर के पूजा स्थल के पास और उसके अंदर गंगा जल का छिड़काव अवश्य करें. इससे नकारात्मकता दूर होता है और घर शुद्ध हो जाता है.
धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए गाय को रोटी खिलाएं.
ग्रहण समाप्त होने के बाद कुछ दान अवश्य करें.
पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार
चंद्र ग्रहण शुरू: रात्रि 8:45 बजे जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण समाप्त: यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर.
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर.
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे.
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
साल के पहले चंद्र ग्रहण का लाइव नजारा आप TimeandDate.com वेबसाइट पर लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए देख सकते हैं. इस वेबकास्ट में आपको चंद्र ग्रहण का ज्यादातर हिस्सा नजर आएगा. वेबसाइट के अलावा TimeandDate.com के YouTube चैनल पर भी आप चंद्र ग्रहण को लाइव देख सकते हैं.
चंद्र ग्रहण दिखे या न दिखे लेकिन इसके कारण तमाम राशियों पर प्रभाव पड़ता है. मान्यता है कि यदि चंद्र ग्रहण वाले दिन चंद्रमा के मंत्र ‘ॐ सों सोमाय नमः’ अथवा भगवान शिव के मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ का जप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए. इससे अशुभ प्रभाव खत्म होते हैं.
TimeandDate.com के अनुसार चंद्र ग्रहण के कम से कम कुछ हिस्से दक्षिण/पूर्वी यूरोप, एशिया के अधिकांश हिस्से, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर और अंटार्कटिका में दिखाई देंगे. TimeandDate.com के अनुसार भारत के कुछ हिस्सों में भी चंद्र ग्रहण दिखाई देगा.
पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार
चंद्र ग्रहण शुरू: रात्रि 8:45 बजे जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण समाप्त: यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर.
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर.
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे.
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
Chandra Grahan 2023 Sutak: चंद्र ग्रहण का सूतक
नई दिल्ली 11:45 AM, 5 मई 2023 से 01:00 AM, 6 मई 2023 तक
नोएडा 11:45 AM, 5 मई 2023 से 01:00 AM, 6 मई 2023 तक
मुंबई 11:45 AM, 5 मई 2023 से 01:00 AM, 6 मई 2023 तक
बंगलुरु 11:45 AM, 5 मई 2023 से 01:00 AM, 6 मई 2023 तक
कोलकाता 11:45 AM, 5 मई 2023 से 01:00 AM, 6 मई 2023 तक
मेष राशि – मेष राशि वालों को परिवार को लेकर कोई चिंता रह सकती है. घर में लड़ाई-झगड़े जैसा माहौल बन सकता है.
वृषभ राशि – वृषभ राशि वालों को स्वास्थ्य से जुड़ी कोई परेशानी हो सकती है. परेशान रहेंगे.
मिथुन राशि – मिथुन राशि वालों को कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी लेकिन सतर्क रहें. समस्या आसानी से हल हो जाएगी.
तुला राशि – तुला राशि वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है. कोई दुर्घटना भी हो सकती है सावधान रहें.
धनु राशि – धनु राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण से लाभ की स्थिति बन रही है. धनु राशि वाले लोगों को आर्थिक लाभ हो सकता है. अटका हुआ काम पूरा हो सकता है.
कुंभ राशि – कुंभ राशि वालों को अपने माता-पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है. ग्रहण के कारण उनका स्वास्थ्य बिगड़ने की संभावना है. ग्रह स्थितियां आपके पक्ष में नहीं है. यात्रा टालें.
साल 2023 में कुल चार ग्रहण लगेंगे. जिनमें से 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्रग्रहण रहेगा. इसमें से पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को लग चुका है और दूसरा ग्रहण चंद्र ग्रहण 5 मई, शुक्रवार को यानी आज लगने जा रहा है. तीसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को और अंतिम चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर 2023 को लगेगा.
चंद्र ग्रहण दिखे या न दिखे लेकिन इसके कारण तमाम राशियों पर प्रभाव पड़ता है. मान्यता है कि यदि चंद्र ग्रहण वाले दिन चंद्रमा के मंत्र ‘ॐ सों सोमाय नमः’ अथवा भगवान शिव के मंत्र ‘ॐ नम: शिवाय’ का जप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए. इससे अशुभ प्रभाव खत्म होते हैं.
पंडित कौशल मिश्रा के अनुसार उपच्छाया चंद्र ग्रहण में चंद्रमा के आकार में कोई परिवर्तन नहीं होता है और यह आम दिनों में नजर आने वाले आकार का ही नजर आता है. हालांकि आज उपच्छाया चंद्रग्रहण वाले दिन चंद्रमा कुछ मटमैले रंग का दिखाई देगा.
चंद्र ग्रहण के दौरान खाने से परहेज करना चाहिए.
ग्रहण के कारण रखा हुआ भोजन विष के समान हो जाता है, जिसे यदि आप ग्रहण करते हैं तो आपको कई स्वास्थ्य दिक्कतें हो सकती हैं.
जो महिलाएं गर्भवती हैं, उन्हें ग्रहण के दौरान भूलकर भी घर के बाहर नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि ग्रहण का पेट में जन्म ले रहे बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है.
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सोना नहीं चाहिए.
चंद्र ग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट बंद रखें. पूजा-पाठ की चीजों को स्पर्श न करें.
चंद्र ग्रहण के दौरान निकलने वाली किरणों का इंसानों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में, ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए. यदि संभव को तो नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगा जल भी मिला कर स्नान करें.
ग्रहण की समाप्ति के बाद पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करें. साथ ही घर के पूजा स्थल के पास और उसके अंदर गंगा जल का छिड़काव अवश्य करें. इससे नकारात्मकता दूर होता है और घर शुद्ध हो जाता है.
धार्मिक मान्यता के अनुसार ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए गाय को रोटी खिलाएं.
ग्रहण समाप्त होने के बाद कुछ दान अवश्य करें.
पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार
चंद्र ग्रहण शुरू: रात्रि 8:45 बजे जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण समाप्त: यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर.
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर.
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे.
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
TimeandDate.com के अनुसार चंद्र ग्रहण के कम से कम कुछ हिस्से दक्षिण/पूर्वी यूरोप, एशिया के अधिकांश हिस्से, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर और अंटार्कटिका में दिखाई देंगे. TimeandDate.com के अनुसार भारत के कुछ हिस्सों में भी चंद्र ग्रहण दिखाई देगा.
नासा के अनुसार 5 मई 2023 को उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा जो एशियाई, ऑस्ट्रेलियाई और अफ्रीकी देशों में देखा जा सकेगा. वहीं, दूसरी ओर 28 अक्टूबर 2023 को आंशिक चंद्र ग्रहण होगा जो एशिया, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा.
पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार
चंद्र ग्रहण शुरू: रात्रि 8:45 बजे जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण समाप्त: यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर.
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर.
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे.
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
Chandra Grahan 2023 Sutak: चंद्र ग्रहण का सूतक
नई दिल्ली 11:45 AM, 5 मई 2023 से 01:00 AM, 6 मई 2023 तक
नोएडा 11:45 AM, 5 मई 2023 से 01:00 AM, 6 मई 2023 तक
मुंबई 11:45 AM, 5 मई 2023 से 01:00 AM, 6 मई 2023 तक
बंगलुरु 11:45 AM, 5 मई 2023 से 01:00 AM, 6 मई 2023 तक
कोलकाता 11:45 AM, 5 मई 2023 से 01:00 AM, 6 मई 2023 तक
साल का पहला चंद्र ग्रहण आंशिक रूप से भारत से दिखाई देगा इसलिए कई जगह इसका सूतक भी माना जाएगा. चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से ठीक 9 घंटे पहले लग जाएगा. यानि चंद्र ग्रहण 2023 का सूतक 5 मई की सुबह करीब 11 बजकर 45 मिनट से लगेगा.
Chandra Grahan 2023 Sutak: चंद्र ग्रहण का सूतक
नई दिल्ली 11:45 AM, 5 मई 2023 से 01:00 AM, 6 मई 2023 तक
नोएडा 11:45 AM, 5 मई 2023 से 01:00 AM, 6 मई 2023 तक
मुंबई 11:45 AM, 5 मई 2023 से 01:00 AM, 6 मई 2023 तक
बंगलुरु 11:45 AM, 5 मई 2023 से 01:00 AM, 6 मई 2023 तक
कोलकाता 11:45 AM, 5 मई 2023 से 01:00 AM, 6 मई 2023 तक
पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार
चंद्र ग्रहण शुरू: रात्रि 8:45 बजे जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण समाप्त: यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर.
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर.
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे.
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
जब चंद्र पर पृथ्वी की छाया न पड़कर उपछाया पड़ती है, तो इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है. दरअसर ग्रहण लगने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करता है जिसे चंद्र मालिन्य कहते हैं, इसके बाद चांद पृथ्वी की वास्तविक छाया भूभा में प्रवेश करता है लेकिन कई बार चंद्रमा उपछाया में प्रवेश करके उपछाया शंकु से ही बाहर निकल कर आ जाता है. ऐसे में उपछाया के समय चंद्रमा की रोशनी में हल्का धुंधलापन होता है, चंद्रमा का रंग मटमैला हो जाता है. इसे उपछाया चंद्र ग्रहण करते हैं.
पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार
चंद्र ग्रहण शुरू: रात्रि 8:45 बजे जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण समाप्त: यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर.
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर.
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे.
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण एशिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्वी यूरोप के कुछ भागों में दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. 5 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए यहां इसका सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. सूतक काल ना लगने की वजह से यहां पूजा-पाठ या किसी भी धार्मिक कार्यों पर रोक नहीं लगेगी.
पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार
चंद्र ग्रहण शुरू: रात्रि 8:45 बजे जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण समाप्त: यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर.
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर.
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे.
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है, तब वास्तविक चंद्र ग्रहण लगता है. ग्रहण से पहले चंद्रमा, पृथ्वी की परछाईं में प्रवेश करता है, इसे उपछाया कहते हैं. पृथ्वी की परछाईं में प्रवेश के बाद ही चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है. हालांकि कई बार चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया में जाए बिना, उसकी उपछाया से ही बाहर निकल आता है. जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर केवल उसकी उपछाया मात्र ही पड़ती है, तब इसे उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं. इसमें चंद्रमा के आकार में कोई अंतर नहीं आता है और इस पर एक धुंधली सी छाया मात्र नजर आती है.
वैसे ते ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने के लिए मनाही रहती है, पर इस दौरान मांसाहारी खाना खाने से पूरी तरह से परहेज करना चाहिए. यह भी माना जाता है कि ग्रहण के दौरान शराब, खमीर और हाई प्रोटीन खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसे पचाने में अधिक वक्त लगता है.
पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार
चंद्र ग्रहण शुरू: रात्रि 8:45 बजे जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण समाप्त: यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर.
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर.
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे.
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
गर्भवती महिलाएं ग्रहण के समय सोने से परहेज करें, ग्रहण दौरान सीधा बैठे रहें.
गर्भवती महिलाएं ग्रहण दौरान तेज धार वाली चीजों का इस्तेमाल ना करें.
गर्भवती महिलाएं ग्रहण की अवधि में खाना बनाने और खाना खाने से परहेज करें.
ज्यादा भूख लगने पर फल का सेवन किया जा सकता है.
पृथ्वी की छाया का केंद्र Umbra, बाहरी छाया, पेनम्ब्रा की तुलना में काफी काली होगी. इसलिए, एक पूर्ण चांद से उपच्छाया वाले चंद्र ग्रहण को अलग करना अक्सर चुनौतीपूर्ण हो सकता है. इस चंद्रग्रहण को देखने के लिए टेलीस्कोप जैसे किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, दूरबीन या एक छोटी दूरबीन से इसे देखा जा सकता है. हालांकि, दूरबीन के साथ पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण की शुरुआत और अंत देखना मुश्किल है.
घटना के समय सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा कैसे संरेखित होते हैं, इसके आधार पर तीन प्रकार के चंद्र ग्रहण होते हैं.
पूर्ण चंद्रग्रहण: पृथ्वी की छाया संपूर्ण चंद्र सतह पर पड़ती है.
आंशिक चंद्र ग्रहण: आंशिक चंद्र ग्रहण के दौरान, चंद्रमा का केवल एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में प्रवेश करता है, जो ऐसा लग सकता है कि यह चंद्र सतह से "काट" रहा है. पृथ्वी की छाया चंद्रमा के उस भाग पर काली दिखाई देगी जो पृथ्वी के सामने होगा.
पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण: पृथ्वी की छाया का हल्का बाहरी भाग चंद्र सतह पर पड़ता है. इस प्रकार का ग्रहण अन्य दो की तरह का नहीं होता है और इसे देखना मुश्किल हो सकता है.
साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण एशिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्वी यूरोप के कुछ भागों में दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. 5 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए यहां इसका सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. सूतक काल ना लगने की वजह से यहां पूजा-पाठ या किसी भी धार्मिक कार्यों पर रोक नहीं लगेगी.
पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार
चंद्र ग्रहण शुरू: रात्रि 8:45 बजे जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण समाप्त: यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर.
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर.
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे.
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगा था और सूर्य की सप्तम दृष्टि तुला राशि पर पड़ रही थी. अब चंद्र ग्रहण तुला राशि में लग रहा है और यहां चंद्रमा-केतु की युति भी बन रही है. ऐसे में चंद्रमा की पहली दृष्टि मेष राशि पर होगी. इसलिए मेष और तुला राशि के जातकों को इस चंद्र ग्रहण में विशेष सावधानी बरतनी होगी.
घटना के समय सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा कैसे संरेखित होते हैं, इसके आधार पर तीन प्रकार के चंद्र ग्रहण होते हैं.
पूर्ण चंद्रग्रहण: पृथ्वी की छाया संपूर्ण चंद्र सतह पर पड़ती है.
आंशिक चंद्र ग्रहण: आंशिक चंद्र ग्रहण के दौरान, चंद्रमा का केवल एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में प्रवेश करता है, जो ऐसा लग सकता है कि यह चंद्र सतह से "काट" रहा है. पृथ्वी की छाया चंद्रमा के उस भाग पर काली दिखाई देगी जो पृथ्वी के सामने होगा.
पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण: पृथ्वी की छाया का हल्का बाहरी भाग चंद्र सतह पर पड़ता है. इस प्रकार का ग्रहण अन्य दो की तरह का नहीं होता है और इसे देखना मुश्किल हो सकता है.
पहला चंद्र ग्रहण : 5 मई 2023 शुक्रवार
चंद्र ग्रहण शुरू: रात्रि 8:45 बजे जो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा.
चंद्र ग्रहण समाप्त: यह ग्रहण रात्रि 1 बजे समाप्त होगा
उपच्छाया से पहला स्पर्श काल- रात्रि 08:45 पर.
परमग्रास चंद्रग्रहण काल- रात्रि 10:53 पर.
उपच्छाया से अंतिम स्पर्श काल- रात्रि 01:00 बजे.
उपच्छाया की कुल अवधि- 04 घंटे 15 मिनट्स 34 सेकंड
ग्रहण के दौरान आपको भगवान की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए, इसके साथ ही घर के पूजा स्थल में भी आपको पर्दा या फिर कोई कपड़ा डाल देना चाहिए. ध्यान रखें कि इस दौरान भगवान को भी ग्रहण के दर्शन न हों. ग्रहण के समय सभी धार्मिक स्थानों के कपाट बंद हो जाते हैं. वहीं खाने-पीने के समान में तुलसी पत्ता डाल देनी चाहिए.
जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है, तब वास्तविक चंद्र ग्रहण लगता है. ग्रहण से पहले चंद्रमा, पृथ्वी की परछाईं में प्रवेश करता है, इसे उपछाया कहते हैं. पृथ्वी की परछाईं में प्रवेश के बाद ही चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है. हालांकि कई बार चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया में जाए बिना, उसकी उपछाया से ही बाहर निकल आता है. जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर केवल उसकी उपछाया मात्र ही पड़ती है, तब इसे उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं. इसमें चंद्रमा के आकार में कोई अंतर नहीं आता है और इस पर एक धुंधली सी छाया मात्र नजर आती है.
चंद्र ग्रहण का सूतक लगने से लेकर ग्रहण के समाप्त होने तक कोई भी शुभ काम नहीं करने चाहिए.
चंद्र ग्रहण के दौरान भोजन खाना और पकाना दोनों ही मना होता है.
ग्रहण के समय मंदिर के कपाट बंद कर देने चाहिए.
ग्रहण के समय तुलसी के पौधे को स्पर्श नहीं करना चाहिए
ग्रहण के समय सोने से बचना चाहिए.
ग्रहण काल में गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह की धारदार वस्तु जैसे चाकू, कैंची, सुई आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए.
पृथ्वी की छाया का केंद्र Umbra, बाहरी छाया, पेनम्ब्रा की तुलना में काफी काली होगी. इसलिए, एक पूर्ण चांद से उपच्छाया वाले चंद्र ग्रहण को अलग करना अक्सर चुनौतीपूर्ण हो सकता है. इस चंद्रग्रहण को देखने के लिए टेलीस्कोप जैसे किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं है. हालांकि, दूरबीन या एक छोटी दूरबीन से इसे देखा जा सकता है. हालांकि, दूरबीन के साथ पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण की शुरुआत और अंत देखना मुश्किल है.
20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण मेष राशि में लगा था और सूर्य की सप्तम दृष्टि तुला राशि पर पड़ रही थी. अब चंद्र ग्रहण तुला राशि में लग रहा है और यहां चंद्रमा-केतु की युति भी बन रही है. ऐसे में चंद्रमा की पहली दृष्टि मेष राशि पर होगी. इसलिए मेष और तुला राशि के जातकों को इस चंद्र ग्रहण में विशेष सावधानी बरतनी होगी.
साल का पहला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. यह चंद्र ग्रहण एशिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्वी यूरोप के कुछ भागों में दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. 5 मई को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए यहां इसका सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. सूतक काल ना लगने की वजह से यहां पूजा-पाठ या किसी भी धार्मिक कार्यों पर रोक नहीं लगेगी.
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