फिल्म ‘पाकीजा’ से चर्चा में आई बीते जमाने की मशहूर अदाकारा गीता कपूर को एक माह बाद गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और उन्हें वृद्धाश्रम भेज दिया गया. गीता का बेटा उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के बाद वहां से फरार हो गया और दोबारा उनकी सुध लेने वापस नहीं आया. एक माह से अस्पताल में भर्ती गीता के लंबे बिल का भुगतान निर्माता अशोक पंडित और रमेश तौरानी ने किया और उन्होंने ही गीता को अंधेरी स्थित जीवन आशा वृद्धाश्रम भेजने का इंतजाम भी किया. फिल्मों में बतौर अभिनेत्री काम कर चुकीं गीता कपूर पेशे से कोरियोग्राफर हैं. बीते जमाने की अदाकारा गीता कपूर ने 100 से भी ज्यादा फिल्मों में काम किया है. गीता की चर्चित फिल्म ‘पाकीजा’ और ‘रजिया सुल्तान’ रही हैं. अस्पताल प्रशासन ने उनके बेटे से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन वे नाकाम रहे. जानें 10 खास बातें…
– गीता कपूर की तबीयत खराब हो गई थी. उन्हें 21 अप्रैल को उनके बेटे राजा कपूर ने मुंबई के गोरेगांव अस्पताल में भर्ती कराया था.
– लेकिन अस्पताल में मां की देखभाल करने के बजाय वो एटीएम से पैसा निकालने का बहाना बनाकर वहां से फरार हो गया.
– गीता कपूर अपने बेटे का इंतजार करती रहीं लेकिन वो लौट कर नहीं आया. उनका बिल भरने को कोई तैयार नहीं था.
– सूत्रों की मानें तो उनके इलाज में लगभग डेढ़ लाख रुपये लगे हैं. अस्पताल ने गीता कपूर के बेटे और बेटी पूजा से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
– कहा तो यह भी जा रहा है कि गीता कपूर ने स्वीकारा है कि उनका बेटा उन्हें मारता था. चार दिन में एकबार खाना देता था. कई बार उन्हें कमरे में बंद भी कर देता था.
– गीता कपूर का यह भी कहना था कि वे वृद्धाश्रम जाने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी. ऐसे में बेटे ने उन्हें खाना देना बंद कर दिया और तबीयत खराब होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराने के बाद फरार हो गया. यह एक सोचा-समझा प्लान है.
– जब इसकी जानकारी फिल्ममेकर अशोक पंडित और रमेश तोरानी को मिली तो वे दोनों गीता की मदद करने के लिए आगे आये. उन्होंने गीता के इलाज में लगने वाले सारे बिल्स क्लीयर कराये.
– गीता की बेटी पूजा एयर होस्टेस है. कहा जा रहा है कि गीता कपूर ने अपने बच्चों के खिलाफ लीगल एक्शन लेने का फैसला किया है.
– अब एक माह बाद गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी और उन्हें वृद्धाश्रम भेज दिया गया. अस्पताल में भर्ती गीता के लंबे बिल का भुगतान निर्माता अशोक पंडित और रमेश तौरानी ने किया और उन्होंने ही गीता को अंधेरी स्थित जीवन आशा वृद्धाश्रम भेजने का इंतजाम भी किया.
– गीता का उपचार करने वाले चिकित्सक का कहना है कि गीता को विश्वास था कि उनका बेटा उनके लिए वापस लौट कर आयेगा. एसआरवी अस्पताल के डॉ दिपेंद्र त्रिपाठी ने कहा, जब वह गया वह वहीं थीं. तो उनको वही सब याद है और कहती हैं कि वह पैसे ले कर वापस आयेगा.