जयपुर : भारत में असहिष्णुता पर चल रही बहस को महत्व नहीं देते हुए अदाकारा काजोल ने आज कहा कि बॉलीवुड में ऐसी कोई विभाजन रेखा नहीं है. काजोल के करीबी दोस्त फिल्मकार करण जौहर ने उत्सव के उद्घाटन दिवस पर देश में अभिव्यक्ति की आजादी सबसे बडा मजाक है, कहकर तूफान ला दिया.
जयपुर साहित्य उत्सव के तीसरे दिन काजोल ने कहा, ‘हमारा उद्योग समाज में जो चल रहा होता है उसे हमेशा दर्शाता रहेगा. बॉलीवुड में कोई विभाजन रेखा नहीं हैं, ना ही जाति, नस्ल है और न ही असहिष्णुता.’ हाल के महीनों में, अभिनेता शाहरुख खान और आमिर खान देश में ‘बढती असहिष्णुता” के बारे में बोलकर विवादों में आ चुके हैं.
शाहरुख और आमिर के साथ काम कर चुकी काजोल ने ‘पीके’ स्टार जिस तरह की प्रतिक्रिया का सामना कर रहे हैं उसपर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. आमिर की टिप्पणी की कई वर्गों ने आलोचना की थी. उन्होंने कहा, ‘इन दिनों लोग अतिसंवेदनशील होते प्रतीत होते हैं. सार्वजनिक हस्तिायों के तौर पर हमारा कर्तव्य है कि उचित और सही बोलें. मैंने हमेशा अपने ‘मन की बात’ कही है और इसमें अब भी कोई बदलाव नहीं आया है.’
किताबें पढने की शौकीन काजोल साहित्य उत्सव में लेखक अश्विन सांघी की नई पुस्तक ‘द सियालकोट सागा’ का विमोचन करने के लिए आई थीं. उन्होंने कहा कि उन्होंने अजय देवगन से शादी करने की सहमति इसलिए जताई थीं क्योंकि उन्होंने उन्हें एक ऐसा पुस्तकालय बनवाकर देने का वायदा किया था जैसा हॉलीवुड फिल्म ‘ब्यूटी एंड दि बीस्ट’ में है.
अभिनेत्री अक्सर फिल्म के शॉट्स में किताब के साथ दिखतीं हैं और इसका श्रेय उन्होंने अपनी मां अभिनेत्री तनुजा को दिया जिन्होंने उनमें पढने की आदत का विकास किया. तनुजा भी दर्शकों में बैठी थीं.
काजोल ने कहा, ‘मुझे याद नहीं पडता कब ऐसा हुआ जब मैंने अपनी मां के पास कोई किताब नहीं देखी हो. उनके कमरे में 400 किताबों का पुस्तकालय था जो ठीक हमारे सिर के उपर था. मेरे कमरे में भी एक पुस्तकालय है. असल में, मेरे घर में तीन पुस्तकालय हैं.’