मुंबईः बॉलीवुड की ड्रामा क्वीन राखी सावंत रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) ( आरपीआई) में शामिल हो गयीं है. राखी ने अपनी सदस्यता का एलान करते हुए कहा कि मुझमें भी मुख्यमंत्री बनने की काबिलियत है. अगर मुझे मौका मिला तो मैं खुद को साबित भी कर सकतीं हूं.
लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद बॉलीवुड अभिनेत्री राखी सावंत रामदास अठावले की अगुवाई वाली आरपीआई में शामिल हो गईं और कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे से मुकाबले में नहीं हिचकेंगी.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह राज ठाकरे के खिलाफ चुनाव लडेंगी, इस पर राखी ने कहा, मैं किसी से नहीं डरती. गौरतलब है कि मनसे प्रमुख ने हाल ही में ऐलान किया था कि वह अक्तूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाएंगे. ठाकरे परिवार के किसी सदस्य ने अब तक चुनाव नहीं लडा है. ऐसे में राज की घोषणा काफी अहमियत रखती है.
पिछले लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर-पश्चिम से किस्मत आजमाने वाली राखी को 1,995 वोट मिले थे. उन्होंने चुनावों से पहले खुद राष्ट्रीय आम पार्टी बनाई थी और अपनी ही पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. राखी को आरपीआई (ए) की राज्य महिला शाखा का प्रमुख नियुक्त किया गया है.
पार्टी में राखी को शामिल किए जाने की घोषणा करते हुए अठावले ने कहा, राखी हर घर में एक जाना-पहचाना चेहरा है. वह केवल शहरों में ही नहीं बल्कि गांवों में भी पहचानी जाती हैं. आगामी चुनावों में हमें उनकी लोकप्रियता का फायदा जरुर मिलेगा.
उन्होंने कहा, राखी महज एक अदाकारा नहीं बल्कि सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं. हम पार्टी में ऐसे और कलाकारों को लाना चाहते हैं जो सामाजिक कार्यों में विश्वास रखते हों ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग हमसे जुड सकें. एक सवाल के जवाब में अठावले ने कहा कि राखी को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया जा सकता है. अठावले की पार्टी आरपीआई पांच दलों के गठबंधन महायुति की सहयोगी है, जिसमें शिवसेना और भाजपा भी शामिल हैं.
लोकसभा चुनाव में हाथ आजमा चुकी राखी ने अपनी पार्टी बनायी थी. और नाम भी आम आदमी के तर्ज पर ही राष्ट्रीय आम आदमी रखा था. उनका चुनाव चिन्ह हरी मिर्च था. उन्होंने अपने चुनाव प्रचार में भी कोई कमी नहीं छोड़ी थी. लेकिन राखी को चुनाव में उतनी सफलता नहीं मिली जितनी फिल्मों और टीवी में मिली है. मुंबई नॉर्थ-वेस्ट सीट से राखी को हार मिली.
लेकिन राखी के आरपीआई में शामिल होने के बाद इसका आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह जल्दी हार मानने वालों में नहीं है. अपनी पार्टी बनाकर लोकसभा चुनाव में हाथ आजमाने वाली राखी आज आरपीआई में शामिल हो गयी. हार के बावजूद राखी राजनीति से अपना रिश्ता नहीं तोड़ना चाहतीं. राखी ने पार्टी बनाने से पहले खुद को भाजपा की बेटी बताया था और राजनाथ सिंह के घर पर खाना भी खाया था. उन्होंने यह भी कहा था कि अगर पार्टी उन्हें मौका दे तो वह भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ना चाहती है. अब राखी का राजनीतिक सफर आरपीआई के दामन थामने के बाद कितनी दूर तक जाता है यह, तो वक्त ही बतायेगा