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एक्शन पसंद है तो बागी 2 आपके लिए है, पढ़ें रिव्यू

।।उर्मिला कोरी।। फ़िल्म बागी 2 निर्माता साजिद नाडियाडवाला निर्देशक अहमद खान कलाकार- टाइगर श्रॉफ,दिशा पटानी,मनोज बाजपेयी,रणदीप हुडा,प्रतीक बब्बर और अन्य रेटिंग तीन सीक्वल और रीमेक मौजूदा दौर के सुपरहिट ट्रेंड है. बागी 2 से ये दोनों ही फार्मूले जुड़े हुए हैं. फ़िल्म बागी का सीक्वल है. तो तेलगु की सफल फ़िल्म क्षनम का यह हिंदी […]

।।उर्मिला कोरी।।

फ़िल्म बागी 2
निर्माता साजिद नाडियाडवाला
निर्देशक अहमद खान
कलाकार- टाइगर श्रॉफ,दिशा पटानी,मनोज बाजपेयी,रणदीप हुडा,प्रतीक बब्बर और अन्य
रेटिंग तीन
सीक्वल और रीमेक मौजूदा दौर के सुपरहिट ट्रेंड है. बागी 2 से ये दोनों ही फार्मूले जुड़े हुए हैं. फ़िल्म बागी का सीक्वल है. तो तेलगु की सफल फ़िल्म क्षनम का यह हिंदी रीमेक भी है. फ़िल्म की कहानी रॉनी (टाइगर श्रॉफ)और नेहा (दिशा पटानी ) की है.
कॉलेज में दोनों मिलते हैं और वहीं दोनों को प्यार हो जाता है. सभी को ये जोड़ी मेड फ़ॉर इच अदर टाइप लगती है सिर्फ नेहा के पिता को इस रिश्ते से ऐतराज़ हैं. जिस वजह से कहानी में एक मोड़ आ जाता है. कहानी 4 साल आगे बढ़ जाती है. रॉनी और नेहा अलग हो चुके हैं. रॉनी आर्मी जॉइन कर चुका है. नेहा की शादी हो चुकी है. नेहा एक बार फिर रॉनी से मिलती है लेकिन अपनी चार वर्षीय बेटी के लिए जिसका अपहरण हो चुका है. इस अपहरण और उस बच्ची से जुड़े कई रहस्य हैं. जो आपको फ़िल्म देखने पर मालूम होगा. फ़िल्म की इस कहानी को फ़्लैशबैक और वर्तमान के ज़रिए दर्शाया गया है.
फ़िल्म की कहानी में कई रहस्यों को जोड़ा गया है लेकिन फ़िल्म देखते हुए आप उनसे पहले से ही परिचित हो जाते हैं.फ़िल्म का क्लाइमेक्स भी कमजोर रह गया है.ज़रूरत से ज़्यादा फिल्मी चीज़ें कहानी में जोड़ दी गयी हैं . जिससे कहानी औसत रह गयी है. अभिनय की बात करें तो यह फ़िल्म टाइगर श्रॉफ की है.फ़िल्म के ज़बरदस्त एक्शन दृश्य दृश्यों में वह वन मैन आर्मी के कथन को बखूबी बयां करते हैं. इमोशनल और रोमांटिक दृश्यों में भी वह निखर कर आए हैं.
उनके करियर की यह अब तक की सबसे बेहतरीन फ़िल्म कहीं जा सकती है.दिशा का काम औसत रहा है.रणदीप हुडा, मनोज बाजपेयी का अभिनय हमेशा ही तरह इस फ़िल्म को भी रोचक बनाए रखता है.दीपक डोब्रियाल और प्रतीक बब्बर ने अपने किरदारों को बखूबी निभाया है. बाकी के किरदारों के काम भी अच्छा है.
फ़िल्म के गीत संगीत की बात करें तो गाने कमज़ोर रह गए हैं.एक दो तीन का रीमेक पुराना जादू जगाने में नाकामयाब रहा है. फ़िल्म के गानों पर और मेहनत करने की ज़रूरत थी. फ़िल्म के संवाद एक्शन की तरह ही प्रभावी बने हैं.फ़िल्म के वन लाइनर्स आपको थिएटर के बाहर भी याद रह जाते हैं.फ़िल्म की सिनेमेटोग्राफी की भी तारीफ करनी होगी. अगर आप टाइगर और उनके एक्शन के प्रसंशक हैं तो ये फ़िल्म आपके लिए ही है .

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