10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत में केवल नोटबंदी कर देने भर से ही नहीं रुकेगा कालाधन : संयुक्त राष्ट्र

नयी दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने अपने ‘एशिया व प्रशांत क्षेत्र का आर्थिक व सामाजिक सर्वे 2017′ में कहा है कि भारत में कालेधन पर आधारित अर्थव्यवस्था सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 20-25 फीसदी के बराबर है. इसमें नकदी का हिस्सा केवल 10 फीसदी है. उसने कहा है कि नोटबंदी से अपने स्तर पर […]

नयी दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने अपने ‘एशिया व प्रशांत क्षेत्र का आर्थिक व सामाजिक सर्वे 2017′ में कहा है कि भारत में कालेधन पर आधारित अर्थव्यवस्था सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 20-25 फीसदी के बराबर है. इसमें नकदी का हिस्सा केवल 10 फीसदी है. उसने कहा है कि नोटबंदी से अपने स्तर पर कालेधन का भावी प्रवाह नहीं रूकेगा. जीएसटी, स्वैच्छिक आय घोषणा योजना व टीआईएन से बड़े सौदों को पकड़ने की पहल जैसे सुधारों से भी पारदर्शितता बढ़ेगी. कैश के विकल्पों में जागरूकता से डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन से कैशलेस में वृद्धि संभावना है.

इसे भी पढ़ें : नोट बंदी : पुराने नोट खपाने का नया खेल

बुनियादी ढांचे पर बढ़े खर्च के साथ अगले साल 7.5 फीसदी रहेगी भारत की विकास दर

एशिया व प्रशांत क्षेत्र के लिए यूएन आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (इस्केप) की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट अगले साल 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है. यह अनुमान देश में खपत बढ़ने और इंफ्रास्ट्रक्चर पर ऊंचे खर्च की उम्मीद के साथ व्यक्त किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में भारत की ग्रोथ रेट 7.1 फीसदी रहेगी, जबकि अगले साल इसके बढ़ कर 7.5 फीसदी होने की उम्मीद है. आईएमएफ ने पिछले महीने कहा था कि भारत की ग्रोथ रेट 2017-18 में 7.2% रहेगी, जबकि अगले वित्त वर्ष में इसके 7.7% रहने का अनुमान है.

उधर, मनीला मुख्याल यवाले एशियाई विकास बैंक ने कहा है कि वर्ष 2017-18 में आर्थिक वृद्धि दर 7.4 फीसदी रहेगी. इससे अगले वित्त वर्ष में इसके 7.6 फीसदी रहने का अनुमान है. मुद्रास्फीति दर 2017 व 2018 में 5.3-5.5 फीसदी रहना अनुमानित है, जो कि 4.5-5 फीसदी के आधिकारिक लक्ष्य से कहीं अधिक है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें