नयी दिल्ली : नोबेल से सम्मानित पॉल क्रुगमैन ने 500 और 1,000 रपये के नोट को बंद करने की आलोचना करते हुए कहा है कि यह काफी बाधा पैदा करने वाली है. इससे लोगों के बर्ताव में कोई बदलाव नहीं आएगा, बल्कि वो मनी लांड्रिंग के लिए अधिक सावधानी बरतेंगे और बेहतर तरीके निकालेंगे. सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर क्रुगमैन ने एचटी लीडरशिप समिट को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं इसके पीछे की प्रेरणा को समझता हूं. लेकिन मुझे नहीं लगता कि इससे लोगों के व्यवहार में कोई विशेष बदलाव आएगा. लोग मनी लांड्रिंग में अधिक सावधानी बरतेंगे जिससे अगली बार वे संरक्षित रहें.’
उन्होंने कहा कि यह असामान्य कदम है और ऊंचे मूल्य के नोटों को बंद करने की अच्छी वजह है. उन्होंने कहा कि 2,000 रुपये का नोट जारी करना एक खराब कदम नहीं है बल्कि यह जमाखोरों को रोकने का प्रयास है. कम मजदूरी वाले रोजगार चीन से अन्यत्र स्थानांतरित होने के बारे में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने कहा कि भारत में निचली मजदूरी वाली विनिर्माण की कुछ संभावना है, लेकिन कई अन्य देशों में भी ऐसी क्षमता है.
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