मुंबई: देश का चालू खाते का घाटा (कैड) वित्त वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही में उल्लेखनीय रूप से घटकर 30 करोड डॉलर या जीडीपी का 0.1 प्रतिशत रहा. वहीं तीसरी तिमाही में यह 7.1 अरब डॉलर या जीडीपी का 1.3 प्रतिशत था. पूरे वित्त वर्ष 2015-16 में चालू खाते का घाटा कम होकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.1 प्रतिशत रहा. कैड विदेशी मुद्रा के अंतर्प्रवाह और बहिर्प्रवाह का अंतर है. रिजर्व बैंक ने आज कहा, ‘‘कैड वित्त वर्ष 2015-16 की चौथी तिमाही में 0.3 अरब 30 करोड: डॉलर या जीडीपी का 0.1 प्रतिशत रहा. यह तीसरी तिमाही में 7.1 अरब डॉलर या जीडीपी के 1.3 प्रतिशत से काफी कम है. यह 2014-15 की चौथी तिमाही में 70 करोड डॉलर या जीडीपी के 0.1 प्रतिशत से थोड़ा कम है.’
चौथी तिमाही में कैड में कमी का मुख्य कारण व्यापार घाटा में कमी है जो 24.8 अरब डॉलर जबकि इससे पूर्व वर्ष की इसी तिमाही में 31.6 अरब डॉलर था.पूरे वित्त वर्ष 2015-16 में कैड 22.1 अरब डॉलर या जीडीपी का 1.1 प्रतिशत रहा जो 2014-15 में 26.8 अरब डॉलर या जीडीपी का 1.3 प्रतिशत था.देश का व्यापार घाटा पिछले वित्त वर्ष में कम होकर 130.1 अरब डॉलर रहा जो 2014-15 में 144.9 अरब डॉलर था. आलोच्य वित्त वर्ष में भुगतान संतुलन (बीओपी: 17.9 अरब डॉलर) रहा जो 2014-15 में 61.06 अरब डॉलर था.
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