नयी दिल्ली : सरकारनेछोटे शहरों में विमानन सेवा को प्राथमिकता देने के लिएबुधवार कोनयी विमानन नीति की घोषणा की है. इस नयी नीति की तहत एक घंटे का हवाई सफर के लिए 2,500 रुपये देने होंगे. वहीं आधा घंटे के लिए 1200 रुपये का हवाई टिकट का प्रावधान है. हालांकि यह नियम उन हवाईअड्डोंके लिए लागू होगा जिन शहरों के एयरपोर्टअभीऑपरेशनल नहींहैं. वैसे एयरपोर्ट जहां पहले से ही हवाई जहाज उड़ान भर रहे है, वहां 2,500 रुपये प्रतिघंटा हवाई सफर का प्रवाधान लागू नहीं होगा.
नयी विमानन नीति को लेकर कई आशंका जतायी जा रही है. इतनी कम रकम में विमान सेवा उपलब्ध कराने पर विमानन कंपनियों को घाटा हो सकता है. कंपनियां इस घाटे का भारपाई करने के लिए मेट्रो रूट पर हवाई सफर महंगा कर सकती है. देश के 482 एयरपोर्ट्स में अभी सिर्फ 84 ऑपरेशनल हैं. सरकार की योजना फिलहाल 160 हवाई अड्डों व हवाई पट्टियों को फिर से चालू करने की है.
एयरलाइंस कंपनियों के वैश्विक संगठन इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आइएटीए) ने पिछले महीने कहा था, ‘भारत का घरेलू यातायात 21.8 प्रतिशत बढ़ा है. लगातार 20वां महीना है जबकि देश की वायु यातायात कारोबार में वृद्धि दहाई अंक में रही.
विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने ट्विटर पर एक संदेश में लिखा है, ‘राजग सरकार ने भारत की पहली समन्वित राष्ट्रीय नागर विमानन नीति को मंजूरी दी है. यह इस क्षेत्र के लिए पासा पलटने वाला साबित होगी.’ एक अन्य ट्वीट में मंत्री ने कहा कि भारत 2022 तक तीसरा सबसे बड़ा नागर विमानन बाजार होगा.
ध्यान रहे कि यूपीए सरकार में विमानन मंत्री रहे प्रफुल्ल पटेल ने भी कल नयी पॉलिसी आने के बाद एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा था कि 2500 रुपये किराये के शोर में यह समझना जरूरी है कि यह मौजूदा एयरपोर्ट के लिए नहीं है, बल्कि यह उन रिजनल एयरपोर्ट के लिए प्रस्तावित है, जो अभी ऑपरेशन में नहीं हैं और उन्हें ऑपरेशनलाइज करना है.
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