37.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

भारत की 76 फीसदी कंपनियां साइबर सिक्योरिटी रिस्क से निपटने के लिए तैयार नहीं, पढ़ें रिपोर्ट

भारत के सिर्फ 24 फीसदी संगठनों में ही आधुनिक साइबर-सुरक्षा जोखिमों का सामना करने के लिए जरूरी तैयारी का परिपक्व स्तर मौजूद है. सिस्को की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है.सिस्को ने कहा कि अगले तीन साल में उसकी भारत में करीब 5 लाख साइबर-सुरक्षा पेशेवरों को प्रशिक्षण देने की योजना है.

जयपुर/नई दिल्ली : भारत में गाहे-ब-गाहे हैकर्स और साइबर क्रिमिनल्स की ओर से निजी अथवा सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों अथवा संस्थानों की वेबसाइटों पर हमला किया जाता है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण कंपनियों और संस्थानों में साइबर सुरक्षा जोखिमों से निपटने की तैयारी का न होना है. संचार प्रौद्योगिकी कंपनी सिस्को की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट की मानें, तो भारत में करीब 76 फीसदी कंपनियां ऐसी हैं, जिनके पास सुरक्षा जोखिमों से निपटने की तैयारी नहीं है. इनमें से महज 24 फीसदी कंपनियों के पास ही साइबर सुरक्षा जोखिमों से निपटने के उपाय मौजूद हैं.

5 लाख साइबर-सुरक्षा प्रोफेशनल्स को ट्रेनिंग

समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सिर्फ 24 फीसदी संगठनों में ही आधुनिक साइबर-सुरक्षा जोखिमों का सामना करने के लिए जरूरी तैयारी का परिपक्व स्तर मौजूद है. सिस्को की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है. इसके साथ ही सिस्को ने कहा कि अगले तीन साल में उसकी भारत में करीब 5 लाख साइबर-सुरक्षा पेशेवरों को प्रशिक्षण देने की योजना है.

90 फीसदी संगठनों को साइबर हमले का डर

संचार प्रौद्योगिकी कंपनी सिस्को ने मंगलवार को जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक स्तर के कारोबारी एवं सुरक्षा दिग्गजों ने अगर जरूरी कदम नहीं उठाए, तो साइबर-सुरक्षा की तैयारी को लेकर फासला बढ़ सकता है. सिस्को के पहले साइबर-सुरक्षा तैयारी सूचकांक में अच्छा प्रदर्शन करने वाले संगठनों का भी उल्लेख किया गया है. सिस्को ने कहा कि सर्वेक्षण में शामिल 90 फीसदी संगठनों को यह आशंका सता रही है कि अगले 12 से 24 महीनों में उनके कारोबार को साइबर- सुरक्षा से जुड़े मसलों का सामना करना पड़ सकता है.

Also Read: ICMR की वेबसाइट सुरक्षित, सूत्रों का दावा- हैकर्स ने 6 हजार बार हैक करने का किया था प्रयास
डिजिटाइजेशन के लिए साइबर सुरक्षा जरूरी

सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर सिर्फ 15 फीसदी कंपनियां ही साइबर-सुरक्षा से जुड़े जोखिमों का सामना करने के लिए तैयार हैं. इसकी तुलना में भारत में यह औसत 24 फीसदी है, लेकिन अब भी यह संख्या बहुत कम है. सिस्को के भारत एवं दक्षेस क्षेत्र के निदेशक (सुरक्षा कारोबार समूह) समीर मिश्रा ने कहा कि डिजिटलीकरण के रास्ते पर तेजी से बढ़ रही कंपनियों के लिए साइबर-सुरक्षा शीर्ष प्राथमिकता है. ऐसी स्थिति में उनके लिए साइबर-सुरक्षा से जुड़ी तैयारियां काफी अहम हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें