नयी दिल्ली: सैकड़ों भारतीयों द्वारा कर चोरों की पनाहगाह माने जाने वाले पनामा में विभिन्न कंपनियों में धन लगाने की एक ताजा रपट के बीच सरकार ने आज घोषणा की कि भारतीयों द्वारा विदेशों में संचालित ‘गैर कानूनी’ खातों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
इसके साथ ही सरकार ने पनामा की एक विधि फर्म के लीक हुए दस्तावेजों की सूचनाओं पर लगातार निगरानी के लिए एक बहुपक्षीय एजेंसी समूह गठित किया है. लाखों की संख्या वाले इन दस्तावेजों में कम से कम 500 भारतीयों के नाम भी बताए गए हैं जिनमें फिल्म कलाकार व उद्योगपति शामिल हैं.
इनके बारे में आरोप है कि इन्होंने विदेशी इकाइयों में धन जमा कर रखा है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर आज सुबह उनसे बात की और उनकी सलाह पर एजेंसियों का समूह गठित किया गया है. इस समूह में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) भारतीय रिजर्व बैंक व वित्त मंत्रालय की वित्तीय आसूचना इकाई (एफआईयू) के अधिकारी शामिल हैं.
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