नई दिल्ली : आलू-प्याज और अन्य सब्जियों की महंगाई से थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर माह में बढ़कर 7.52 प्रतिशत पर पहुंच गयी. यह थोक मुद्रास्फीति का 14 माह का उच्चतम स्तर है और इसके कारण रिजर्व बैंक को नीतिगत ब्याज दर में कटौती करना मुश्किल होगा.
आज जारी आंकड़ों के अनुसार नवंबर में सब्जियों की कीमतों में सालाना आधार पर 95.25 प्रतिशत की तेजी रही, जबकि अक्तूबर में यह तेजी 78.38 प्रतिशत थी. खाद्य वर्ग की वस्तुओं के थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर कीमतें पिछले साल नवंबर की तुलना में 19.93 प्रतिशत उंची रहीं. इस पिछले माह खाद्य मुद्रास्फीति 18.19 फीसद थी. खाद्य वर्ग में दाल, सब्जी, दूध एवं अन्य खाद्य पदार्थो की कीमतों की गणना की जाती है.
इससे पहले पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में बढ कर 11.24 प्रतिशत पर पहुंच गयी जो नौ माह का उच्चतम स्तर है. अक्तूबर के दौरान थोक मूल्य सूचकांक पर अधारित मुद्रास्फीति 7 प्रतिशत और सितंबर में 7.05 प्रतिशत पर थी. सितंबर के संशोधित आंकड़े में मुद्रास्फीति 6.46 प्रतिशत बतायी गयी.
नवंबर माह के दौरान आलू की कीमतें पिछले माह की अपेक्षा 26.71 प्रतिशत उंची रहीं. इसी प्रकार प्याज की कीमतें भी नवंबर में पिछले साल इसी माह से 190.34 प्रतिशत अधिक रहीं हालांकि अक्तूबर की तुलना में नवंबर माह के दौरान प्याज की कीमतों में थोड़ी गिरावट रही. आज जारी मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुसार प्रोटीन के स्नेत के रप में लिए जाने वाले अंडा, मांस मछली आदि की कीमतें भी नवंबर में सालाना आधार पर 15.19 प्रतिशत तेज थीं. दूध के दाम नवंबर में 6.25 प्रतिशत उंचे रहे.
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