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पिछली तिथि से लागू कर कानूनों से नुकसान : जेटली

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली नेशनिवारको कहा कि पिछली तिथि से लागू कर कानूनों से देश को नुकसान हुआ क्योंकि इससे डरकर निवेशक दूर हुए हैं. उन्होंने कर कानूनों में निष्पक्षता के उचित मानदंड बनाये रखने पर जोर दिया. भारतीय राजस्व सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि […]

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली नेशनिवारको कहा कि पिछली तिथि से लागू कर कानूनों से देश को नुकसान हुआ क्योंकि इससे डरकर निवेशक दूर हुए हैं. उन्होंने कर कानूनों में निष्पक्षता के उचित मानदंड बनाये रखने पर जोर दिया. भारतीय राजस्व सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि ऐसे कराधान जो क्रियान्वयन के योग्य होते हैं उनसे कर संग्रह किया जा सकता है लेकिन ऐसे कर जो क्रियान्वयन योग्य नहीं होते हैं उनसे आप कर नहीं जुटा सकते.

अरुण जेटली ने कहा, यदि आप चार-पांच साल बाद मुझसे आयकर कानून के तहत कुछ मांगेगे. क्या पिछली तिथि से लागू कर से भारत को मदद मिलेगी या फिर उससे देश को नुकसान होगा? मेरा जवाब बिल्कुल साफ है, उससे भारत को नुकसान होगा क्योंकि दिन के आखिर में हम उन करों को नहीं वसूल सकते हैं और इससे भयभीत निवेशक दूर हो जायेंगे. जेटली पूर्वयूपीए सरकार द्वारा पिछली तिथि से लगाये कर के बारे में बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि देश में निवेशकों को कर नियमों में स्थिरता और विश्वसनीयता चाहिये. उन्हें इनमें कोई आश्चर्यचकित करने वाला नियम नहीं चाहिये जिससे कि उनकी व्यावसायिक योजना गड़बड़ा जाए. इसलिये यह महत्वपूर्ण है कि कर नियमों में निष्पक्षता और स्पष्टता के मानक बनाये रखे जायें.

वित्त मंत्री ने नये राजस्व अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, कर कानूनों के तहत यदि कोई कर दिया जाना है तो उसका भुगतान होना चाहिये. उन्होंने कहा, इसमें ऐसी कोई बात नहीं होनी चाहिये वह बुजुर्ग व्यक्ति है, वह विधवा है, इसे या उसके पास भुगतान के लिये कुछ नहीं है. कराधान कानून में इस तरह के विचार नहीं आने चाहिये.

वित्त मंत्री ने आगे कहा कि ऐसा समय भी आ सकता है जब कानून का मतलब यह निकले कि कर भुगतान योग्य नहीं है और इससे राजस्व का नुकसान हो सकता है. मुश्किल यह है कि प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर, दोनों ही में कई बार हम इस सिद्धांत से भटक जाते हैं और हम सोचते हैं कि अधिक करों का संग्रह देश के व्यापक हित में है, और इसे लेकर हम कानून की व्याख्या में अथवा विधायी प्रक्रिया में कुछ ज्यादा ही सक्रिय हो जाते हैं.

आईआरएस प्रशिक्षु अधिकारियों से जेटली ने कहा कि वह अपने पेशेवर कार्य में सौ प्रतिशत ईमानदारी दिखायें. जब कभी कोई शंका हो, सीधे आगे बढें, यदि आप सीधे आगे बढ़े बिना किसी भी तरफ अपना झुकाव रखते हैं तो फिर आप राजस्व को नुकसान पहुंचायेंगे या फिर आप करदाता से अनुचित कर वसूली करेंगे. इसलिये इस तरह की किसी भी तरफ अनुचितता से बचा जाना चाहिये.

पिछली संप्रग सरकार ने आयकर कानून में 2012 में संशोधन किया जिसमें पिछली तिथि से कर वसूली का अधिकार प्राप्त किया गया. यह कानून ब्रिटेन की वोडाफोन कंपनी द्वारा 2007 में हचीसन व्हाम्पोआ लिमिटेड की भारतीय संपत्ति की खरीदारी में हुये पूंजीगत लाभ में 20,000 करोड़ रुपये की कर मांग को अमल में लाने के लिये किया गया. पिछली तिथि से लागू कर कानून पर देश और विदेशी निवेशकों से तीखी प्रतिक्रिया मिली. इसी कानून का इस्तेमाल आयकर विभाग ने जनवरी 2014 में ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी से 10,247 करोड रपये की कर वसूली के लिये किया.

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