नयी दिल्ली : सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई)बैंक प्रमुखों का जल्दी ही बैठक बुलायेगा. इस बैठक का मकसद एमएसएमई क्षेत्र के लिये कर्ज देने के मामले में सुधार के लिये उन्हें प्रोत्साहित करना है.
एमएसएमई राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के एच मुनियप्पा ने उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमारी जल्दी ही बैंकों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों की बैठक बुलाने की योजना है. इसका उद्देश्य क्षेत्र के लिये अपर्याप्त ऋण प्रवाह की समस्या को दूर करना है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम बैंकों से क्षेत्र के लिये ऋण प्रवाह बढ़ाने को भी कहेंगे क्योंकि छोटी इकाइयों के विकास के लिये समय पर ऋण की उपलब्धता खासा अहम है.’’
एमएसएमई पर प्रधानमंत्री के कार्यबल ने हाल ही में सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को मिलने वाले कर्ज में सालाना 20 प्रतिशत की सिफारिश की है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि एमएसएमई क्षेत्र को ऋण की कोई समस्या न हो. हालांकि इस क्षेत्र की अधिकतर इकाइयों को आसानी से कर्ज मिलने में अभी भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
एमएसएमई सचिव माधव लाल ने कहा कि क्षेत्र के समक्ष कार्यशील पूंजी, मांग का अभाव, विपणन संबंधी समस्याएं, कच्चे माल की कमी, बिजली समस्या तथ श्रम संबंधी जैसे मसले हैं. उल्लेखनीय है कि क्षेत्र की वृद्धि धीमी हुई है. निर्यात में इसकी हिस्सेदारी हाल ही में 40 प्रतिशत से घटकर 36 प्रतिशत पर आ गयी है.
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