नयी दिल्ली : दिल्ली, राजस्थान सहित कई राज्यों में जल्द होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पेट्रोलियम मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने आज कहा कि उनका मंत्रालय राज्य सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के लिए डीजल की बिक्री बाजार मूल्य पर करने संबंधी आदेश को वापस लेने पर विचार कर रहा है.
उल्लेखनीय है कि अनेक राज्यों की सार्वजनिक परिवहन सेवाओं ने केंद्र सरकार के जनवरी में उठाये गये इस कदम का विरोध किया था. सरकार ने रेलवे तथा रक्षा सहित उन क्षेत्रों से डीजल बाजार मूल्य पर खरीदने को कहा था. डीजल का बाजार मूल्य इस समय पेट्रोल पंप पर बिकने वाले डीजल की तुलना में 14.50 रुपये लीटर अधिक है. इस फैसले का असर पहले से ही घाटे में चल रही सार्वजनिक परिवहन कंपनियों पर पर पड़ा है. ऐसी स्थिति में उनके लिए यात्रियों के किराया बढाना ही एकमात्र विकल्प बचा था.
मोइली ने कहा, इस समय राज्य परिवहन निगम डीजल बिना किसी सब्सिडी के बाजार कीमतों पर खरीद रही हैं. हमें इस मुद्दे पर विभिन्न राज्यों से ज्ञापन मिले हैं. इसके अलावा तेल विपणन कंपनियों का भी कहना है कि दोहरे मूल्य की यह प्रणाली प्रभावी नहीं हो पाई है.
चूंकि इस आशय का फैसला कैबिनेट ने किया था इसलिए इसमें छूट भी वही दे सकता है. मोइली ने कहा हम सार्वजनिक परिवहन निगमों को सस्ती दर पर डीजल खरीदने की सुविधा देने पर विचार करेंगे ताकि सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिले, लेकिन इसके साथ ही उन्हें हमारी तेल बचत अभियान में भी सक्रिय योगदान देना होगा.
हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने इस महीने की शुरआत में सरकार के इस फैसले का समर्थन किया था कि रक्षा, रेलवे और परिवहन निगमों जैसे थोक खरीदारों को डीजल की बिक्री बाजार मूल्य पर की जानी चाहिये. न्यायालय ने कहा कि सब्सिडी हमेशा के लिये नहीं दी जा सकती है और आखिर में अर्थव्यवस्था को लंबे समय तक चलायमान रखना है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.