नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि सरकार ने पिछले एक वर्ष में डांवाडोल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, महंगाई पर काबू पाने और निवेशकों के विश्वास को बढाने का काम किया है. इसके साथ ही साथ आने वाले दिलों में लोगों की ऊंची अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए पूरे संकल्प से काम करने का वादा किया है.
अपनी सरकार के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर देशवासियों को लिखे खुले पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘सुदृढ अर्थव्यवस्था के लिए भरोसेमंद सरकार आवश्यक होती है. जब हमारी सरकार बनी, उस समय आर्थिक स्थिति डांवाडोल थी. महंगाई तेजी से बढ रही थी.
मुझे खुशी है कि हमारे प्रयासों से विगत एक वर्ष में भारत सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बनी, महंगाई नियंत्रित हुई और पूरे वातावरण में नये उत्साह का संचार हुआ.’ आर्थिक मोर्चे पर सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा बढी है. पूंजी निवेश बढा है.’
उन्होंने कहा, ‘हमारी सकारात्मक दृष्टि की दुनिया भर की अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और रेटिंग एजेंसियों ने सराहना की.’ उन्होंने कहा कि सरकार ने डीजल को नियंत्रण मुक्त करने, रक्षा और बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सीमा को बढाने और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने की दिशा में आगे बढने जैसे काफी समय से लंबित कई साहसी सुधार कार्यक्रमों की दिशा में पहल की.
मोदी ने कहा, ‘प्रथम वर्ष में विकास यात्रा की मजबूत नींव से देश ने खोया विश्वास पाया है. मुझे भरोसा है कि हमारे प्रयासों ने आपकी जिंदगी को छुआ होगा. यह मात्र शुरुआत है. देश आगे बढने को तैयार है. हम सब संकल्प ले कि हमारा हर कदम देशहित में आगे बढें.’
भारतीय अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 8 प्रतिशत वृद्धि हासिल करने की उम्मीद है जो 2014-15 में 7.4 प्रतिशत थी. राजकोषीय घाटा एक वर्ष पहले के 4 प्रतिशत से घटकर इस वित्त वर्ष में 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया अभियान का उद्देश्य हमारे युवाओं को रोजगार प्रदान करना है. हमने मुद्रा बैंक की स्थापना की जिससे छोटे छोटे रोजगार चलाने वाले भाई बहनों को 10 हजार से 10 लाख रुपये तक के ऋण सुलभ होंगे.’
उन्होंने कहा कि कालाधन वापस लाने का वादा किया था. सरकार बनते ही पहला निर्णय कालेधन पर एसआइटी गठन करने का किया गया. फिर विदेशों में कालाधन रखने वालों को कडी सजा देने के लिए कानून बनाया.
मोदी ने अपने खुले पत्र में लिखा, ‘भ्रष्टाचार मुक्त पारदर्शी, नीति आधारित प्रशासन और शीघ्र निर्णय हमारे मूलभूत सिद्धांत हैं. पहले प्राकृतिक संपदा जैसे कोयला या स्पेक्ट्रम का आवंटन मनमानी से, चहेते उद्योगपतियों को होता था. किन्तु देश के संसाधन देश की सम्पत्ति है. सरकार का मुखिया होने के नाते मैं उसका ट्रस्टी हूं. इसलिए हमने निर्णय किया कि इनका आवंटन नीलामी से होगा. कोयले के अब तक हुए आवंटन से लगभग तीन लाख करोड रुपये और स्पेक्ट्रम से एक लाख करोड रुपये की आमदनी होगी.’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमने जोडने का काम किया है. देश की सीमाओं, बंदरगाहों और पूरे भारत को एक कोने से दूसरे कोने तक जोडने के लिए सडकें और रेलवे को नया जीवन देने का प्रयास किया. लोगों को जोडने के लिए डिजिटल इंडिया और सभी मुख्यमंत्रियों के साथ टीम इंडिया की अवधारणा दूरियां मिटाने का प्रयास है.’
किसानों के बारे में उन्होंने कहा, ‘हमारे अन्नदाता सुखी रहें यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. हमारे किसान अथक मेहनत कर देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान करते हैं. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, बिजली व्यवस्था, नयी यूरिया नीति और भू-स्वास्थ्य कार्ड कृषि विकास के लिये हमारी प्रतिबद्धता है.’
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