नयी दिल्ली : देश का इस्पात आयात पिछले महीने अप्रैल में सालाना आधार पर 51.6 प्रतिशत उछलकर 7.6 लाख टन पर पहुंच गया. इस्पात मंत्रालय की इकाई ज्वाइंट प्लांट कमेटी की एक रिपोर्ट के अनुसार हालांकि मार्च महीने की तुलना में आयात 9.4 प्रतिशत कम रहा.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘तैयार इस्पात का आयात अप्रैल 2015 में 7.61 लाख टन रहा जो अप्रैल 2014 के मुकाबले 51.6 प्रतिशत अधिक है. पर मार्च 2015 के मुकाबले इसमें 9.4 प्रतिशत की कमी आयी है.’ एक स्टील कंपनी के अधिकारी ने बताया, ‘घरेलू इस्पात उद्योग कठिन समय से गुजर रहा है. इसका मुख्य कारण दुनिया के सबसे बडे स्टील उत्पादक चीन में मांग का कम होना है.
चीन से इस्पात का आयात यहां उसे बनाने से सस्ता है और इसके कारण खासकर 2014 की दूसरी छमाही में आयात हुआ है.’ उसने कहा कि पर पहली तिमाही (जनवरी-मार्च) से आयात कम हुआ है. जेपीसी के आंकडों के अनुसार 2014-15 में स्टील का आयात 71 प्रतिशत बढकर 93.21 लाख टन रहा.
भारत शुद्ध रुप से आयातक रहा. तैयार इस्पात की खपत अप्रैल में 7.1 प्रतिशत बढकर 55 लाख टन रही लेकिन मार्च के मुकाबले इसमें 23.2 प्रतिशत की कमी आयी. आलोच्य महीने में इस्पात का निर्यात 3.8 लाख टन रहा जो सालाना आधार पर 15.2 प्रतिशत कम है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.