नयी दिल्ली : आइटी उद्योग के संगठन नासकाम ने नेट निरपेक्षता का पुरजोर समर्थन करते हुए आज कहा कि इंटरनेट पहुंच में किसी तरह का भेदभाव अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन ही है. नासकाम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर ने संवाददाताओं से यह बात कही.
उन्होंने कहा, ‘डेटा के प्लेटफार्मों तक पहुंच पर किसी भी तरह का प्रतिबंध अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रतिबंध के समान ही है क्योंकि मेरी अभिव्यक्ति की आजादी में मेरी आवाज सुने जाने की स्वतंत्रता भी शामिल है. आप कुछ भी कह सकते हैं पर आपकी कोई सुनेगा नहीं. यह अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है.’
उन्होंने कहा कि नेट निरपेक्षता से एक खुला मैदान तैयार होता है जो कि नवोन्मेष व स्वीकरण को सुगम बनाता है. चंद्रशेखर को नहीं लगता कि नवोन्मेषी एप्लीकेशन इकोसिस्टम तथा दूरसंचार बुनियादी ढांचे के दोहरे लक्ष्य में कोई विरोधाभास है. उन्होंने स्पष्ट किया कि नासकाम उन सभी प्लेटफार्मों के खिलाफ है जो कि शून्य शुल्क योजना सहित मुख्य रुप से भुगतान की किसी योजना के आधार पर इंटरनेट की पहुंच में भेदभाव करते हैं.
उल्लेखनीय है कि नेट निरपेक्षता की इस सारी बहस में ‘एयरटेल जीरो’ केंद्र में है. नेट निरपेक्षता से आशय इंटरनेट पर सब प्रकार के डाटा ट्रैफिक के साथ समान व्यवहार करना है और किसी कंपनी या एप्प को भुगतान के आधार पर प्राथमिकता देना इस अवधारणा का उल्लंघन माना जाएगा.
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