नयी दिल्लीः भारत के फार्मास्युटिकल्स क्षेत्र ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान एक अरब डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया, जो जो शीर्ष 10 खंडों में सबसे अधिक है.औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल.जून, 2012 के दौरान दवा क्षेत्र में 46.5 करोड़ डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया था.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ डीआईपीपी इस बात को लेकर चिंतित है कि फार्मा क्षेत्र में ज्यादातर विदेशी निवेश मौजूदा इकाइयों में ही आ रहा है.’’ वित्त मंत्रलय ने हाल ही में अमेरिकी दवा कंपनी मेलान का 5,168 करोड़ रपये का प्रस्ताव मंजूर किया जिसके तहत मेलान भारतीय जेनेरिक दवा कंपनी एजिला स्पेशियल्टीज का अधिग्रहण करेगी.अन्य बड़े अधिग्रहण सौदों में फ्रांसीसी कंपनी सनोफी.एवेंटीस द्वारा शांता बायोटेक्निस का अधिग्रहण शामिल है. वर्ष 2008 में जापानी कंपनी दाइची सैंक्यो ने देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी रैनबैक्सी को 4.6 अरब डालर में खरीदा था.
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