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HC ने आयकर मामले में सुब्रत राय की पेशी का वारंट किया स्थगित

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज एक आयकर मामले में तिहाड जेल में बंद सहारा समूह प्रमुख सुब्रत राय की पेशी के लिये जारी वारंट और सुनवाई पर अदालत की कार्यवाही अगले महीने तक के लिए स्थगित कर दी. यह मामला आकलन वर्ष 2013-14 के लिए कथित तौर पर समूह की एक कंपनी […]

नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज एक आयकर मामले में तिहाड जेल में बंद सहारा समूह प्रमुख सुब्रत राय की पेशी के लिये जारी वारंट और सुनवाई पर अदालत की कार्यवाही अगले महीने तक के लिए स्थगित कर दी. यह मामला आकलन वर्ष 2013-14 के लिए कथित तौर पर समूह की एक कंपनी की रिटर्न नहीं भरने से जुडा है.

न्यायाधीश मनमोहन सिंह ने राय के अलावा सहारा इंडिया कमर्शियल कार्पोरेशन लिमिटेड के निदेशकों, जे बी राय, रणज दासगुप्ता और ओ पी श्रीवास्तव के खिलाफ जारी जमानती वारंट और कार्यवाही को भी स्थगित कर दिया. अदालत ने कहा ‘कार्यवाही और जेल अधिकारियों को आवेदक (राय) को पेश करने के संबंध में जारी वारंट की प्रक्रिया 25 मई तक स्थगित रहेगी.’

उच्च न्यायालय ने आयकर विभाग को भी नोटिस जारी किया और सुनवाई की अगली तारीख से पहले उसकी प्रतिक्रिया मांगी है. न्यायालय ने श्रीवास्तव, जे बी राय और गुप्ता द्वारा दायर विभिन्न याचिकाओं पर भी इसी तरह का आदेश जारी किया. न्यायालय ने सहारा इंडिया कमर्शियल कार्पोरेशन लिमिटेड के खिलाफ भी प्रक्रिया स्थगित की है.

कंपनी को भी मामले में आरोपी बनाया गया है. न्यायालय का आदेश सहारा प्रमुख और इसके निदेशकों द्वारा दायर याचिका पर पारित किया गया जिसमें उन्होंने वारंट एवं सुनवाई अदालत की कार्यवाही स्थगित करने की मांग की थी. सुनवाई अदालत ने 24 मार्च के फैसले में 15 अप्रैल को सभी आरोपियों को पेश होने का आदेश दिया था.

राय की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव नायर ने कहा कि आयकर विभाग द्वारा दायर यह मामला पुख्ता नहीं है. नायर ने कहा ‘आवेदक (राय) ने पिछले साल सितंबर में ही कंपनी से इस्तीफा दे दिया था. उनका मौजूदा मामले से कोई लेना-देना नहीं है.’ उन्होंने कहा कि जिस कंपनी को आरोपी बनाया गया है उसने 23 मार्च 2013-14 को आयकर रिटर्न भरा है.

वकील ने कहा कि सभी आरोपी दिल्ली न्याय क्षेत्र से बाहर के हैं इसलिये उनकी यहां सुनवाई नहीं हो सकती. अन्य आरोपियों के लिये पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एन. हरिहरन ने कहा कि सुनवाई अदालत का आदेश कानून के अनुरुप नहीं है और उन्होंने पूछा ‘वह दिल्ली से बाहर के व्यक्ति के खिलाफ किस प्रकार प्रक्रिया आगे बढा सकती है.’

वकील ने यह भी कहा ‘कंपनी घाटे में है और फिर भी उसने रिटर्न दाखिल की है. हमने मार्च 2015 में दाखिल रिटर्न में 20 करोड रुपये की वसूली की मांग की है.’ आयकर विभाग ने 13 फरवरी को सुनवाई अदालत में कंपनी और उसके निदेशकों सुब्रत रॉय, जे बी रॉय, ओ पी श्रीवास्तव और रणज दास गुप्ता के खिलाफ 2013-14 की रिटर्न दाखिल नहीं करने पर शिकायत दर्ज करायी थी.

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