नयी दिल्ली : सरकार ने अपनी वित्तीय समावेशी कार्यक्रम के तहत 12 करोड से अधिक जनधन खाते खोले हैं. अब सरकार इन खातों का इस्तेमाल बढाने के लिए उपाय कर रही है. सरकार की योजना पीओएस लेनदेन व बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट (बीसी) के माध्यम से इन खातों का इस्तेमाल बढाने की है.
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रतिनिधियों व बिजनेस कॉरस्पॉन्डेंट की बैठक बुलाई है. वित्तीय समावेशी प्रयासों में बीसी काफी महत्वपूर्ण हैं.
अन्य बातों के अलावा बैठक में बीसी व बैंकों के परिचालन में आ रहे मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाएगा. इनमें बीसी को किए जाने वाला भुगतान, तकनीकी समर्थन व जरुरी प्रोत्साहन जैसे मुद्दे शामिल हैं.
इससे पहले इसी सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिजर्व बैंक की स्थापना के 80 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित समारोह में कहा था कि जनधन खातों में 14,000 करोड रुपये जमा कराए गए हैं. अब चुनौती इन खातों से लेन-देन बढाने की है.
इस योजना के तहत शून्य बैलेंस खाता और डेबिट कार्ड, एक लाख रुपये की दुर्घटना बीमा पालिसी तथा गरीबों के लिए 30,000 रुपये का मेडिकल बीमा कवर शामिल है. अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस योजना के तहत मात्र नौ माह में 12.5 करोड बैंक खाते खोले गए हैं.
हालांकि, कुछ हलकों से इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि बहुत से लोग इन खातों से लेन-देन नहीं कर रहे हैं, जबकि सरकार उन्हें सब्सिडी और अन्य लाभ प्रदान कर रही है.
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